चालबाज चीन लद्दाख और भारतीय क्षेत्र अक्साई चिन पर लगातार दांत क्यों गड़ाए बैठा है इसका राजफाश हो चुका है। पहली बार दुनिया के सामने आयी ऐसी सच्चाई है जिसको कबूल करना चीन के लिए मुश्किल है। दरअसल, चीन छद्म रूप से जिस भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है वो प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न इलाका है। इस क्षेत्र की जमीन और मट्टी के शोधकार्यों से पता चला है कि यहां के पत्थरों के नीचे कम से कम 60 अरब डॉलर का सोना दबा हुआ है। चीन इसी सोने पर कब्जा करना चाहता है।
इसके अलाव यहां पर यूरेनियम के भण्डार भी प्रचुर मात्रा में है। चीन इस खजाने पर कब्जा करना चाहता है, लेकिन भारत के कड़े रुख को देखते हुए उसकी यह चाल कामयाब नहीं हो पा रही है। एक बार फिर चीनी सेना ने एलएसी लाइन पार करते हुए भारतीय सीमा में घुसने की हिमाकत की तो उसको भारतीय सैनिकों की तरफ से करारा जवाब मिला। हालांकि बहुत ही कम लोग जानते हैं कि चीन की लद्दाख पर नजर यहां पर दबे अकूत खजाने पर है।
लद्दाख सामरिक दृष्टि के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी चीन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि बताया जाता है कि यहां के पहाड़ यूरेनियम, ग्रेनाइट, सोने और रेअर अर्थ जैसी बहुमूल्य धातुओं से भरे पड़े हैं और चीन की नजर इन्हीं पर है। जिस गलवान रिजन में चीन और भारत के बीच विवाद चल रहा है, उसके ठीक पास में गोगरा पोस्ट के पास ‘गोल्डेन माउंटेन’ है। बताया जाता है कि इस पहाड़ पर सोने का बहुत बड़ा भंडार है, जिस कारण ड्रैगन बार-बार ऐसी हिमायत करने में लगा हुआ है।