भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं। भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं। वास्तविकता यह है कि यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।
इसी महीने 5 और 9 मई को भारत और चीन के सैनकों के बीच पूर्वी लद्दाख में झड़प की घटनाएं सामने आईं थीं। इसके बाद 9 मई को सिक्किम के नाकु ला सेक्टर में भी दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के कमांडरों की मीटिंग
भारत और चीन में हाल ही में लद्दाख के गालवन नदी क्षेत्र में विवाद बढ़ गया था। अब इसको सुलझाने के लिए दोनों देशों के फील्ड कमांडरों ने बैठक की है। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में हुई। इसमें भारत की 81 ब्रिगेड के अधिकारी और उनके चीनी समकक्ष शामिल हुए। निर्माण कार्यों को लेकर गालवन नदी क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच पिछले दो सप्ताह से तनाव चल रहा है।
सुरक्षाबल पिछले दो सालों से सैटेलाइट इमेज और खुफिया जानकारी पर नजर रख रहे थे। इससे उन्हें पता चला था कि चीन एलएसी पर भारतीय क्षेत्र के करीब रोड बना रहा है। इसके बाद भारत ने भी एलएसी के नजदीक अपने क्षेत्र में रोड नेटवर्क बनाना शुरू कर दिया था। इसके बाद चीन ने इस क्षेत्र में भारतीय विमानों की आवाजाही पर आपत्ति जताई थी।
हालांकि, ठीक इसके उलट चीनी हेलिकॉप्टरों ने गालवन नदी क्षेत्र में भारतीय गश्ती एरिया में उड़ान भरी है। पिछले सोमवार को यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।