नेपाल ने आपना नया राजनीतिक नक्शा जारी किया है। इस नक्शे में लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है। नेपाल मंत्रिमंडल की बैठक में हुए फैसले की नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीपकुमार ज्ञवाली ने ट्वीट के जरिये दी। हिन्दुस्तान पत्रिका में खबर है।
नेपाल की मंत्रिमंडल ने इस आपना जायज दावा करार देते हुए कहा कि महाकाली नदी का स्रोत दरअसल लिंपियाधुरा ही है जो फिलहाल भारत के उत्तराखंड का हिस्सा है।
विरोध किया थाः यह फैसला भारत की ओर से लिपुलेख में सीमा सडक के उद्घाटन के दिनों बाद आया है। लिपुलेख से होकर ही तिब्बत चीन के मानसरोवर जाने का रास्ता है। इस सडक के बनाए जाने बाद नेपाल ने भारत के कदम का विरोध किया था। नेपाल के प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। भारत ने कहा था कि उसने कुछ नया नही किया है और सडक वहीं बनाई गई है जहां पहले से रास्ता है। दोनो देशों मे विदेश सचिव स्तर की वार्ता में इस मुद्दे पर बात होगी।
लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानीको भारत का हिस्सा बताया जाता है। नेपाल भी दावा जताता रहा है। जानकारों का मानना है कि नेपाल के नए कदम के पीछे चीन की भूमिका है।