दो मुल्कों-हिंदुस्थान और पाकिस्तान को बांटनेवाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की जीरोलाइन से मात्र कुछ गज के फासले पर स्थित इस वर्ड सेंचूरी में इस बार कुछ अलग ही नजारा है। झुंड के झुंड प्रवासी पक्षियों के जमा हुए हैं। कुछ क्षण के लिए वे हवा में उड़ान भरते हैं और फिर पुनः वहीं लौट आते हैं। उनकी चहचहाट से यह महसूस किया जा सकता है कि वे सीमा पर चल रहे युद्धविराम से सुकून पा रहे हैं।
आग उगलनेवाली जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर जम्मू से करीब 34 किमी की दूरी पर हिंदुस्थान-पाक सीमा रेखा से करीब 600 मीटर पीछे स्थित इस घराना बर्ड सेंचुरी का अस्तित्व अभी तक खतरे में माना जा रहा था। ऐसा इसलिए था क्योंकि जहां पाकिस्तानी गोलीबारी निरंतर प्रवासी पक्षियों के अमन में खलल डाल रही थी वहीं सीमांत क्षेत्रों में दबाई गई बारूदी सुरंगों के विस्फोट उन्हें शांति से यहां रूकने नहीं दे रहे थे।