कोरोना वायरस कहानी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई. हालांकि अब ज्यादातर देश इस वायरस की चपेट में हैं. पिछले कुछ दिनों में चीन ने कोरोना वायरस पर ना केवल कंट्रोल किया है बल्कि कई अन्य देशों को इससे बचाने के लिए मेडिकल उपकरण भी बेच रहा है. हालांकि ये उपकरण कितने कारगर हैं अब इसको लेकर ही सवाल उठ रहे हैं. नेपाल जो पिछले कुछ सालों में चीन के करीब आ गया है, उसने भी कोरोना से बचाव के लिए कुछ उपकरण चीन से खरीदे थे. लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी क्वालिटी बेहद खराब है. इतना ही नहीं चीन ने इन सामानों के एवज में नेपाल से काफी पैसे भी लिए हैं.
नेपाल सरकार ने चीन द्वारा भेजी गई रैपिड टेस्ट किट के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. करीब 6 लाख यूएस डॉलर मूल्य की टेस्ट किट किसी काम की नहीं होने के बाद नेपाल सरकार ने इसके प्रयोग पर ही रोक लगा दी है. कोरोना संकट से जूझ रहे नेपाल ने दो दिन पहले ही अपना एक चार्टर्ड विमान भेजकर 75 हजार कोरोना रैपिड टेस्ट किट मंगवाई थीं. लेकिन जब किट की जांच नेपाल के स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों ने की तो एक भी किट काम की नहीं मिली. सभी टेस्ट किट के डुप्लीकेट होने के बाद सरकार ने इसके प्रयोग पर ही प्रतिबंध लगा दिया है.