पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिकता अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। बनर्जी ने हालांकि सीएए के साथ ही प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का खुलकर विरोध किया है, मगर उनके कांग्रेस के साथ शामिल नहीं होने से विपक्ष में दरार साफतौर पर देखी जा सकती है।
बनर्जी ने आरोप लगाया है कि वामपंथी और कांग्रेस इस मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रहे हैं और वे अकेली लड़ाई लड़ेंगी। नए कानून को लेकर चौतरफा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच सीएए और पुलिस की बर्बरता के मुद्दे पर नई दिल्ली में 13 जनवरी को समान विचारधारा वाले दलों की बैठक बुलाई गई है।
कांग्रेस के साथ अपने मतभेदों के कारण बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी बैठक से दूरी बना सकती है। वहीं कांग्रेस अपने नए सहयोगी शिवसेना को इस बैठक में अपने साथ करने की कोशिश कर रही है, जिसके लोकसभा में 18 सदस्य हैं। शिवसेना की तरफ से अभी इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।