कोलकाता की मशहूर गायिका ब्रितती घोष सिर्फ संगीत में सिद्धहस्त नहीं बल्कि एक अच्छी लेखिका भी हैं। तीन भाषाओं से परास्नातक अंग्रेजी भाषा से डाक्टरेट डॉक्टर ब्रितती घोष से एक विशेष मुलाकात के दौरान हमारे संवाददाता रवीन्द्र त्रिपाठी से कु छ खास बातचीत इस तरह हुई ।शास्त्रीय संगीत को खाश तरजीह देने वाली गायिका व लेखक ब्रितती घोष ने बताया कि जब वह महज 4 वर्ष की थी संगीत के प्रति उनका रुझान शुरू हुआ उनके बाल्यावस्था के रुझान को देखते हुए उनके चाचा ने मशहूर शास्त्रीय संगीत के जानकार उस्ताद फियाज खान घराने से शिक्षा प्राप्त उस्ताद बारिन मजूमदार ने संगीत की शिक्षा देनी शुरू किया।
आठ साल की उम्र में ही वह हर विधा के गीत व भजनों की प्रस्तुति देनी शुरू कर दिया।पढाई के दौरान भी समय निकाल कर संगीत साधना करती रही और आज एक अच्छी गायिका के रुप में जानी जाती है।इस दौरान उन्होंने ने अनगिनत स्टेज शो भी किए।इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, राउरकेला के शो में खास वाहवाही मिली।राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें सिंगिंग स्टार की उपाधि से सम्मानित किया गया।प्रसार भारती आल इंडिया रेडियो ने कई बार इन्हे अपने कार्यक्रम में गायन का मौका दिया।
ओडिशा सरकार नेंं इनकी गायन प्रतिभा का सम्मान करते हुए देश भक्ति गायन प्रतियोगिता का जज बनाकर सम्मान दिया।वर्तमान में ब्रितती घोस (मेघना घोष) जेसीसी क्लब मुंबई की रेगुलर गायिका हैं। लेखन के क्षेत्र में भी इनके हुनर को सराहना मिली।इनके द्वारा लिखा गया उपन्यास "किंग स्टोरी" काफी पसंद किया गया। फारेन आफेयर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अंग्रेजी गायन करके सम्मान हासिल किया।
ब्रितती घोस हिन्दी, बंगाली,ओरिया व अंग्रेजी भाषाओं में गायन की मशहूर फनकार हैं। यही वजह हैं कि उनके गायन को हिन्दी ,ओरिया,बंगाली व अंग्रेजी भाषाओं के जानकार बहुत पसंद करते है ।
उन्होने ने बताया कि उनको गायन के क्षेत्र में पहले परिजनों का भरपूर सहयोग मिला और 1999 में शादी हो जाने के बाद पति जो आइटियंस है ने हौसला अफजाई की ।आज भी वह उन्हें बराबर सहयोग करते हैं।