देश की राजधानी दिल्ली में ४ दिन तक चले सांप्रदायिक दंगे में अब तक ४२ लोगों की जान जा चुकी है। ३६४ से ज्यादा लोग घायल हैं। मौतों की संख्या के लिहाज से यह १८ साल में देश का तीसरा सबसे बड़ा दंगा है। दिल्ली पुलिस १२३ एफआईआर दर्ज करते हुए ६३० लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। निगमकर्मी जहां चार दिन की सांप्रदायिक हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सड़कों एवं गलियों से पत्थर, कांच के टुकड़े और मलबे साफ करते दिखे, वहीं कुछ दुकानदार अपनी जली हुई और टूटी-फूटी दुकानों का मायूसी से मुआयना करते नजर आए।
बता दें कि २००५ में यूपी के मऊ जिले में रामलीला कार्यक्रम में मुस्लिम पक्ष ने हमला कर दिया था। इसके बाद जिले में हुए दंगे में दोनों पक्षों के १४ लोगों की जान चली गई थी। २००६ में गुजरात के वडोदरा में प्रशासन द्वारा एक दरगाह को हटाने को लेकर हुए दंगे में ८ लोगों की मौत हुई थी। २०१३ में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लड़की से छेड़छाड़ को लेकर हुए दो पक्षों के विवाद ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया।