म्यांमार के सैन्य शासन ने देश में लागू आपातकाल की सीमा को और छह महीने बढ़ाने का फैसला किया है।
म्यांमार सैन्य शासन के इस फैसले पर अमेरिका ने नाराजगी जाहिर की है और आरोप लगाया है कि म्यांमार के सैन्य शासन के दौरान पूरा देश हिंसा की चपेट में आ गया है।
म्यांमार की सेना ने साल 2021 में चुनी हुई सरकार को गिराकर देश में सैन्य शासन लागू कर दिया था। साथ ही देश में आपातकाल लागू कर दिया गया था। अब एक बार फिर से आपातकाल की अवधि बढ़ाए जाने पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने म्यांमार सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 'अमेरिका बर्मा के सैन्य शासन द्वारा आपातकाल बढ़ाए जाने को लेकर चिंता में है। सैन्य शासन ने देश को हिंसा और अस्थिरता में धकेल दिया है।'
बता दें कि म्यांमार की सेना ने साल 2021 में वहां की चुनी हुई सरकार को गिराकर देश में आपातकाल लागू कर दिया था। इसके बाद भड़की हिंसा में सेना ने सैंकड़ों एयरस्ट्राइक की हैं, हजारों घरों में आग लगा दी गई और करीब 16 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। अमेरिका का कहना है कि म्यांमार का मौजूदा शासन म्यांमार के लोगों के लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रहा है और म्यांमार का संकट बढ़ता ही जा रहा है।
म्यांमार की सेना ने देश की चुनी हुईं नेता आंग सान सू की और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। 78 वर्षीय सू की को विभिन्न मामलों में 33 साल जेल की सजा सुनाई गई है। एक फरवरी 2021 को सेना ने तख्तापलट कर देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू किया था। बाद में इस आपातकाल को बढाया गया और अब चौथी बार फिर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।