अमेरिका में सबसे बड़े सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक की मालिक बाइटडांस कंपनी क्या चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए निजी उपयोगकर्ता डेटा प्राप्त कर रही है? राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं से परेशान संयुक्त राज्य अमेरिका का तो ऐसा ही मानना है। बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और कंपनी पर चीनी सरकार के संभावित प्रभाव के बीच टिकटॉक के सीईओ शौ ज़ी च्यू ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश हुए। च्यू को हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के कई कड़े और महत्वपूर्ण सवालों का सामना करना पड़ा। जिस गंभीरता के साथ अमेरिकी सरकार इस मुद्दे पर एक्टिव नजर आ रही है इस बात की बहुत संभावना है कि ऐप को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। चीन के अपने सख्त गोपनीयता कानूनों के बावजूद, पश्चिमी प्रौद्योगिकी कंपनियों को साम्यवादी देश में संचालन को छोड़ने या कम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हालांकि बीजिंग ने वाशिंगटन पर राज्य की शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी सांसद डेबी लेस्को ने भारत और अन्य देशों में टिकटॉक पर लगे बैन का जिक्र करते हुए सवाल पूछा, "यह (टिक्कॉक) एक ऐसा उपकरण है जो चीनी सरकार के नियंत्रण में है और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को उठाता है. ये सभी देश और हमारे एफबीआई निदेशक कैसे गलत हो सकते हैं? च्यू का कहना है कि मैं समझता हूं कि गलत धारणा के आधार पर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। टिकटॉक की कॉर्पोरेट संरचना इसे चीनी सरकार के के साथ अमेरिकी उपयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी साझा करने के बारे में सोचना स्पष्ट रूप से गलत है। च्यू के मुताबिक टिकटॉक ने कभी भी चीनी सरकार के साथ अमेरिकी यूजर्स की जानकारी साझा नहीं की है और न ही कभी ऐसा करने का अनुरोध किया है। च्यू ने तर्क दिया कि अगर चीन अमेरिकियों पर डेटा तक पहुंच की मांग करता है, तो फर्म मना कर देगी। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में टिकटॉक ने एक बयान में कांग्रेस द्वारा पारित 'नो टिकटॉक ऑन गवर्नमेंट डिवाइसेज एक्ट' को राजनीति से प्रेरित बताया था। टिकटोक के एक प्रवक्ता ने वाशिंगटन में कहा, "दिसंबर में बिना किसी विचार-विमर्श के पारित किए गए संघीय उपकरणों पर टिक्कॉक का प्रतिबंध अन्य विश्व सरकारों के लिए एक खाका के रूप में काम किया है," जिस दिन व्हाइट हाउस द्वारा "मार्गदर्शन" जारी किया गया था।
अमेरिकी सांसद डेबी लेस्को ने सवाल पूछा कि टिकटॉक को भारत समेत कई देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है। अमेरिकी एफबीआई के डायरेक्टर ने भी इस ऐप को लेकर चिंता जताई है। ऐसे में ये सभी गलत कैसे हो सकते हैं। इसके जवाब में ट्विटर सीईओ ने कहा कि ये सभी दावें काल्पनिक और सैद्धांतिक हैं। हमने ऐसा कोई भी सबूत नहीं देखा है। उन्होंने भारत के टिकटॉक यूजर्स के डेटा का चीन में गलत इस्तेमाल वाली रिपोर्ट पर भी सवाल पूछे।