म्यांमार की सैन्य सरकार ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को लेकर एक नया कानून बनाया है। इस कानून की वजह से साल के अंत में होने वाले आम चुनाव में विपक्षी समूहों के लिए सेना समर्थित उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती देना मुश्किल हो जाएगा। नया चुनाव कानून सरकारी अखबार ‘म्यांमार एलिन्न’ में प्रकाशित किया गया है। इस कानून को सू की की पार्टी ने खारिज कर दिया है।
नए कानून में उन दलों या उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है, जिन्हें सैन्य शासन गैर-कानूनी मानता है या उनका संबंध ऐसे संगठनों से है, जिन्हें सैन्य सरकार ने आतंकवादी समूह घोषित कर रखा है। नया कानून दलों को संघीय निर्वाचन आयोग में पंजीकरण कराने के लिए दो महीने का वक्त देता है और ऐसा न करने वाले दल अमान्य हो जाएंगे और उन्हें भंग मान लिया जाएगा।
पूरे देश में चुनाव लड़ना चाह रहे दलों के लिए जरूरी होगा कि वे पंजीकरण के बाद तीन महीने में कम से कम एक लाख सदस्य बनाएं, जो 2020 के चुनाव के लिए तय किए गए न्यूनतम स्तर से 100 गुना ज्यादा है। दलों को छह महीने के अंदर देश के आधे नगरों में अपने दफ्तर खोलने होंगे और कम से कम आधी सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। उधर, आंग सान सू की के नेतृत्व वाली ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ ने नए कानून को खारिज किया है।
सू की की सरकार के शीर्ष सदस्य गिरफ्तार
सेना ने फरवरी 2021 में आंग सांग सू की की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर उन्हें व उनकी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। सैन्य तख्तापलट के विरोध में देशभर में हुए प्रदर्शनों को सुरक्षाबलों ने कुचल दिया था, जिसमें करीब 2,900 आम नागरिकों की मौत हुई थी और हज़ारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।