ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल ऋषि सुनक ने चीन पर सख्त होने का वादा किया है। उन्होंने एशियाई महाशक्ति को घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए ‘नंबर वन खतरा’ बताया।
दरअसल, सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की लिज ट्रस ने उन पर चीन और रूस पर कमजोर होने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सुनक का यह बयान आया है।
इससे पहले चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सुनक को ब्रिटेन-चीन संबंधों को विकसित करने पर एक स्पष्ट और व्यावहारिक दृष्टिकोण रखने वाला उम्मीदवार बताया था। ऐसे में सुनक का हालिया बयान चीनी प्रशासन के लिए भी झटके से कम नहीं है।
सुनक ने दावा किया कि चीन हमारी तकनीक चुरा रहा है और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है। साथ ही चीन रूसी तेल खरीदकर विदेश में व्लादिमीर पुतिन को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा ताइवान सहित पड़ोसियों को धमकाने के प्रयास में भी लगा हुआ है। उन्होंने चीन की वैश्विक बेल्ट एंड रोड योजना पर अपमानजनक ऋण के जरिए विकासशील देशों को दबाने का आरोप लगाया।
चीनी जासूसी से निपटने का निकालेंगे रास्ता
प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल सुनक ने कहा कि हम अपनी यूनिवर्सिटीज से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को बाहर निकाल देंगे। साथ ही उच्च शिक्षा प्रतिष्ठानों को मिलने वाली 50,000 पाउंड (60,000 डॉलर) से अधिक की विदेशी फंडिंग का पता लगाएंगे।
ब्रिटेन की घरेलू जासूसी एजेंसी एमआई5 का इस्तेमाल चीनी जासूसी से निपटने में मदद के लिए किया जाएगा। साइबर स्पेस में चीनी खतरों से निपटने के लिए नाटो-स्टाइल में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रयास करेंगे।