यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि शुक्रवार को यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में एक ट्रेन स्टेशन पर हुआ हमला और नागरिकों व नागरिक ढाँचों पर किसी भी तरह के अन्य हमले, बिल्कुल अस्वीकार्य हैं.
इस तरह के हमले अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून का खुला उल्लंघन हैं, जिनके लिये ज़िम्मेदारों की जवाबदेही निर्धारित किया जाना ज़रूरी है.
यूएन महासचिव ने तमाम पक्षों को याद दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संघर्ष में फँसी आम आबादी को सुरक्षित स्थानों के लिये निकालने की ख़ातिर, एक मानवीय युद्धविराम पर तत्काल सहमति होनी चाहिये.
महासचिव ने तमाम सम्बद्ध पक्षों से, इस क्रूर और घातक युद्ध को तत्काल ख़त्म करने की अपनी अपील भी दोहराई है.
यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र के संकट संयोजक अमीन अवाद ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि क्रेमतोर्स्क रेलवे स्टेशन पर हुए इस हमले में बहुत से लोग बुरी तरह ज़ख़्मी हुए हैं जिसकी वजह से मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है.
अमीन अवाद ने वक्तव्य में कहा है, “पिछले दो दिनों ये व्यापक ख़बरें मिली थीं कि इस रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाक़े में ऐसे लोग जमा थे जो देश में युद्ध से बचने के लिये सुरक्षित स्थानों की तरफ़ निकल रहे थे. हम इन ख़बरों पर बहुत व्यथित हैं कि इस हमले की चपेट में बच्चे, महिलाएँ, वृद्धजन, विकलांगता वाले लोग और अन्य बहुत कमज़ोर हालात वाले लोग भी आए हैं.”
अमीन अवाद ने कहा कि आबादी वाले इलाक़ों में व्यापक प्रभाव वाले विस्फोटक हथियारों का प्रयोग करना, स्पष्ट रूप से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन है. तमाम संघर्षों वाले इलाक़ों में कोई भी सैन्य बल, नागरिकों और नागरिक ढाँचे पर हमले नहीं कर सकता. उन्हें आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये हर सम्भव कोशिश करनी होगी.
उन्होंने बताया कि आसपास के इलाक़े में तमाम अस्पताल हताहतों से भरे हैं: “हम और हमारे मानवीय सहायता साझीदार संगठन प्रभावितों की यथासम्भव मदद करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. हमने प्राथमिक चिकित्सा सामग्री के साथ-साथ आपात खाद्य सामग्री, पानी स्वच्छ करने वाली गोलियाँ और कम्बल वग़ैरा उपलब्ध कराए है.”
“हम संघर्ष से सम्बद्ध तमाम पक्षों से, उन लोगों को सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने का आहवान करते हैं जो सुरक्षा की ख़ातिर अपने स्थान छोड़ना चाहते हैं. नागरिकों के लिये अनिवार्य परिवहन साधनों, और अपने स्थानों से हटने या सुरक्षित स्थानों पर जाने में विवश लोगों तक पहुँचाई जा रही जीवनरक्षक सहायता पर भी हमले ना किये जाएँ.”
यूक्रेन से आए शरणार्थी पोलैण्ड के वारसा में नक़दी की मदद के लिये, पंजीकरण की प्रतीक्षा करते हुए.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने भी शुक्रवार को कहा है कि राजधानी कीयेफ़ और उसके आसपास के इलाक़ों से हटने के बाद, युद्ध अब पूर्वी क्षेत्रों में केन्द्रित हो गया है, ऐसे में स्थानीय युद्धविराम की बहुत ज़रूरत है.
उधर यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में भारी उछाल देखा गया है.
यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू होने के छह सप्ताहों बाद भी, ऐसा समझा जाता है कि हज़ारों आम लोग, अभी दक्षिणी शहर मारियूपोल में फँसे हुए हैं, जहाँ उन्होंने भारी गोलाबारी देखी है.
मगर, अब भी रूसी और यूक्रेनी सेनाओं के बीच, इन लोगों को सुरक्षित निकल जाने के बारे में कोई समझौता नहीं है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स मध्यस्थता प्रयास जारी रखे हुए हैं.