क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव का कहना है कि रूस, बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार है।
रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक़, प्रवक्ता का कहना है कि लेकिन ये बातचीत यूक्रेन को ''न्यूट्रल स्टेटस'' घोषित करने को लेकर होगी, साथ ही उसे सेना को भी कम करना होगा।
रूस ये चाहता है कि यूक्रेन, नेटो में शामिल न हो। यूक्रेन संकट को लेकर जब अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के साथ रूस की बातचीत हो रही थी तब भी रूस की प्रमुख मांग थी कि यूक्रेन को नेटो में शामिल नहीं किया जाए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की अपील की है।
इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने कहा है कि जब तक यूक्रेन की सेना हथियार नहीं डाल देती तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती।
मिन्स्क क्यों अहम है?
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने मिन्स्क में बातचीत की बात कही है। ये जगह रूस और यूक्रेन के रिश्तों के लिहाज़ से अहमियत रखता है।
पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों और यूक्रेन की सेना के बीच खूनी संघर्ष के बाद पहले 2014 में मिन्स्क-1 और 2015 में मिन्स्क-2 समझौता हुआ था।
फ़रवरी 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में रूस, यूक्रेन, जर्मनी और फ़्रांस के नेताओं की मौजूदगी में यह समझौता हुआ।
इसके तहत उन इलाकों में शांति बहाल करने के क़दम उठाए जाने थे जिन पर रूस समर्थक अलगाववादियों ने क़ब्ज़ा कर लिया था। अब रूस के हमले को मिन्स्क समझौते के उल्लंघन के तौर पर देखा जा रहा है।