यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद को अपने सम्बोधन में सोमालिया की संसद के ऊपरी सदन के लिये चुनाव सम्पन्न होने, निचले सदन के लिये चुनाव प्रक्रिया जारी रहने, अल-शबाब चरमपन्थी गुट के बढ़ते हमलों और सूखे के कारण बदतर होते हालात पर जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को अपने मतभेद भुलाने होंगे और जल्द से जल्द विश्वसनीय ढँग से चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया जाना होगा।
विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वॉन ने बताया कि राष्ट्रीय चुनाव प्रक्रिया अपने कार्यक्रम से एक वर्ष पीछे चल रही है, और महिलाओं का राजनैतिक प्रतिनिधित्व भी वादों के अनुसार नहीं है।
उन्होंने कहा कि नवम्बर 2021 के बाद से, चुनाव सम्बन्धी योजनाओं में काफ़ी हद तक प्रगति हुई है।
“यह एक स्वागतयोग्य घटनाक्रम है, मगर इसकी रफ़्तार को और तेज़ किये जाने की आवश्यकता है।”
उन्होंने बताया कि निचले सदन, ‘हाउस ऑफ़ द पीपल’ की 275 सीटों में से केवल 130 ही अब तक भर पाई हैं। इनमें से 23 सीटें महिलाओं को मिली हैं, जोकि लगभग 22 फ़ीसदी है।
देश के राजनैतिक नेताओं ने महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत आरक्षण पर सहमति बनाई है, और यह आँकड़ा से कम है।
इसके मद्देनज़र, यूएन मिशन प्रमुख ने सभी पक्षों से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये अपने प्रयासों को दोगुना करने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि दबदबा जमाने की कोशिशों की वजह से सोमालिया के नेताओं में राजनैतिक तनाव रुक-रुककर भड़कता रहा है।
फ़िलहाल उन पर क़ाबू पाने में सफलता मिली है लेकिन इन तनावों का टकरावों मे बदल जाने का ख़तरा निरन्तर क़ायम है।
इस बीच, चरमपंथी गुट अल-शबाब सोमालिया के लिये एक बड़ा सुरक्षा ख़तरा बना हुआ है, विशेष रूप से बनादीर क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम प्रान्तों में, जोकि उसकी गतिविधियों का केंद्र हैं।
हाल के महीनों में आईईडी विस्फोटकों के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है, राजधानी मोगादिशु में हमले बढ़े हैं और आम नागरिक हताहत हुए हैं।
यूएन के विशेष प्रतिनिधि के अनुसार, सोमालिया में अफ़्रीकी संघ के मिशन (AMISOM) के स्वरूप की फ़िलहाल समीक्षा की जा रही है।
जेम्स स्वॉन ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र, इस सिलसिले में सोमालिया की संघीय सरकार, अफ़्रीकी संघ और अहम दानदाताओं के साथ चर्चा को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें भावी मैण्डेट और विभिन्न आयामों पर बातचीत होगी।
इस बीच, सोमालिया और विस्तृत ‘हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका’ क्षेत्र को हाल के वर्षों के सबसे गम्भीर सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को आगाह किया कि इस वर्ष सोमालिया में 77 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी।
इनमें 43 लाख लोग सूखे से प्रभावित हैं, जबकि दो लाख 70 हज़ार से अधिक विस्थापन का शिकार हैं।
UNFAO की एक नई रिपोर्ट, Somalia Food Security and Nutrition Assessment, दर्शाती है कि सोमालिया में 14 लाख से अधिक बच्चों पर कुपोषण का शिकार होने का जोखिम मंडरा रहा है।
देश में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की यह लगभग आधी आबादी है।
जल की अति गम्भीर क़िल्लत के कारण अनेक परिवारों को शहरी व अन्य इलाक़ों में प्रवासन के लिये मजबूर होना पड़ा है।
देश में 29 लाख लोग पहले से ही हिंसक संघर्ष, टकराव व जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हैं।
पिछले वर्ष नवम्बर महीने से, सूखे से सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में जल की क़ीमत 72 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।
यूएन मिशन प्रमुख जेम्स स्वॉन ने ध्यान दिलाया कि सोमालिया में मानवीय राहत कार्रवाई योजना के लिये अब तक ज़रूरी धनराशि के केवल दो फ़ीसदी का ही प्रबन्ध हो पाया है।
इन हालात में, उन्होंने दानदाताओं से अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया है।