पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन पर हमले को चल रही चर्चा के बीच एक राहतभरी खबर आ रही है। रूस ने संकेत दिया है कि वह इस मामले को लेकर बातचीत को तैयार है। यूक्रेन संकट के बीच रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने अमेरिका और नाटो के साथ बातचीत करेन का संकेत दिया है। रूस ने संकेत दिया है कि वह सैन्य अभ्यास को समाप्त करने की सोच रहे हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस पूरे मामले को लेकर विदेश मंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं। फिलहाल ये कयास लगाए जा रहे हैं कि यूक्रेन पर हमले की योजना बना चुके रूस अब बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश में जुटा है।
जैसा कि पश्चिमी खुफिया अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि 16 फरवरी यानी बुधवार को एक आक्रमण की शुरुआत कर सकती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर घोषणा की कि उस दिन को एकता दिवस के रूप में चिह्नित किया जाएगा जबकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश और रक्षा मंत्रियों की टिप्पणियों से युद्ध टलने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। इससे पहले पेंटागन ने कहा था कि यूक्रेन के साथ सीमा पर रूसी सेनाएं अभी भी मौजूद है और उसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, यह एक अलग संभावना है, शायद पहले से कहीं अधिक वास्तविक है कि रूस सैन्य कार्रवाई के साथ आगे बढ़ने का फैसला कर सकता है, जिसमें नई रूसी सेना यूक्रेन की सीमा पर पहुंचना जारी रखेगी, लेकिन पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं है कि मास्को ने आक्रमण करने पर अंतिम निर्णय लिया है। वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन पर पश्चिम के साथ एक समझौते पर पहुंचने के लिए हमेशा एक मौका है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने रूस को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस हमला करने वाला है और इसके लिए 16 फरवरी का दिन तय है। वहीं, पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का दफ्तर) के प्रवक्ता ने कहा था, अमेरिका अब भी नहीं मानता कि पुतिन ने आक्रमण करने का फैसला किया है, लेकिन संभव है कि वह बिना किसी चेतावनी के आगे बढ़ सकता है।
रूस पश्चिमी देशों से गारंटी चाहता है कि ‘नाटो’ गठबंधन यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को सदस्य नहीं बनाएगा और गठबंधन यूक्रेन में हथियारों की तैनाती रोक देगा। इसके अलावा पूर्वी यूरोप से अपनी सेना वापस ले लेगा। हालांकि, इन मांगों को पश्चिमी देशों ने सिरे से खारिज कर दिया है।