हिमाचल प्रदेश के ऊपरी भाग बर्फ की सफेद चादर में लिपट गए हैं। शिमला, सिरमौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इन इलाकों में पिछले दो दिन से भारी बर्फबारी का दौर जारी है। राजधानी शिमला पूरी तरह से देश-दुनिया से कट गई है। सुबह से ही यहां यातायात ठप है। शिमला शहर से जुड़े तीन और प्रदेश में कुल पांच नेशनल हाईवे बंद हो गए हैं। प्रदेश में 667 सड़कें और 2840 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। 184 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।
निजी और सरकारी 550 से ज्यादा बस रूट ठप हैं। प्रदेश में हवाई सेवाएं दूसरे दिन भी बाधित रहीं। उधर, लाहौल में हिमखंड गिरने से मनाली-केलांग मार्ग अवरुद्ध हो गया है। पहाड़ों में हुई भारी बर्फबारी के बाद सासे ने पूरे हिमालय क्षेत्र में हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है।
बर्फबारी के 24 घंटे बाद भी शहर में जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। आईजीएमसी के एमएस डा. जनक राज सहित करीब चार दर्जन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। बर्फ से गिरने के कारण अधिकतर लोगों की टांग व बाजू की हड्डी फे्रक्चर हो गई हैं।
घायलों को उपचार के लिए आईजीएमसी में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन ने शहर में शनिवार को अवकाश घोषित कर दिया था, लेकिन स्वास्थ्य, डाक, फायर, पुलिस सहित अन्य आपातकालीन सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को बर्फ के बीच पैदल चलकर ही कार्यालय आना पड़ा।
बर्फ पर कोहरा जमा होने से कई लोग गिरते पड़ते कार्यालय पहुंचे। शहर में दोपहर तक मुख्य सड़कों के अलावा नगर निगम की सभी संपर्क सड़कें भी बंद रहीं। बर्फ से लकदक हुए पेड़ कहर बनकर टूट रहे हैं। शनिवार को बैम्लोई में घर पर पेड़ गिरा, जिससे पूरे घर को नुकसान पहुंचा है।
18 से ज्यादा पेड़ शहर में गिरे हुए हैं। घरों, बिजली तारों और गाडिय़ां पर गिरे इन पेड़ों से भारी तबाही हुई है। कई जगह अभी तक सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं। वन विभाग ने शनिवार को दिन भर गिरे पेड़ों को हटाकर रास्तों को साफ किया।