बौद्ध धर्म भारत भूमि पर पुष्पित-पल्लवित हुआ। दुनिया के 8 से अधिक देशों में बौद्ध धर्म बहुसंख्यक या प्रमुख धर्म के रूप में हैं।
कम्बोडिया, भूटान, थाईलैण्ड, म्यानमार और श्रीलंका संवैधानिक रूप से बौद्ध देश हैं, क्योंकि इन देशों के संविधानों में बौद्ध धर्म को ‘राजधर्म’ या ‘राष्ट्रधर्म’का दर्जा प्राप्त है। यहां पर कम है। लेकिन भारत और पाकिस्तान में इसके अनुयायी बहुत कम है। इस्लाम के आगमन और सनातन धर्म से टकराव के बाद बौद्ध धर्म के मानने वाले भारत में कम होते गये। लेकिन सैकड़ों वर्षों तक बौद्ध धर्म भारत में बहुत लोकप्रिय रहा है। यही कारण है कि भारत-पाकिस्तान में बौद्ध काल के बने मंदिर रह-रह कर सामने आते रहते हैं।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में पुरातत्वविदों ने बौद्ध काल में बने एक 2300 साल पुराने एक मंदिर की खोज की है। इसके अलावा पुरातत्वविदों ने बौद्धकालीन 2700 से ज्यादा अन्य कलाकृतियां भी बरामद की हैं। उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में पाकिस्तानी और इतालवी पुरातत्वविदों के एक संयुक्त टीम ने बौद्ध काल के 2300 साल पुराने एक मंदिर की खोज की है। इसके साथ ही कुछ अन्य बेशकीमती कलाकृतियां भी खुदाई में मिली हैं।
यह मंदिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में बारीकोट तहसील के बौद्ध काल के बाजीरा शहर में मिला है। इस मंदिर को पाकिस्तान में बौद्ध काल का सबसे प्राचीन मंदिर बताया गया है। मंदिर के बारे में एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान और इतालवी पुरातत्वविदों ने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक स्थल पर संयुक्त रूप से खुदाई करने के दौरान बौद्ध काल के 2300 साल पुराने एक मंदिर की खोज की है। इसके अलावा अन्य बेशकीमती कलाकृतियां भी बरामद की गई हैं। स्वात में मिला ये मंदिर पाकिस्तान के तक्षशिला में मिले मंदिरों से भी पुराना है।’
मंदिर के अलावा पुरातत्वविदों ने बौद्धकालीन 2700 से ज्यादा अन्य कलाकृतियां भी बरामद की हैं, जिनमें सिक्के, अंगूठियां, बर्तन और यूनान के राजा मिनांदर के काल की खरोष्ठी भाषा में लिखी सामग्री भी शामिल है।
इतालवी एक्सपर्ट ने भरोसा जताया है कि स्वात जिले के ऐतिहासिक बाजीरा शहर में खुदाई के दौरान और भी पुरातात्विक स्थल मिल सकते हैं। पाकिस्तान में इटली के राजदूत आंद्रे फेरारिस ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान में पुरातात्विक स्थल दुनिया के विभिन्न धर्मों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।