रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को सुरक्षा बलों से कहा है कि वह किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए शॉर्ट नोटिस में तैयार रहें. सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच यह बयान काफी अहम माना जा रहा है. चीन लगातार सीमा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है. वायुसेना के तीन दिवसीय छमाही कमांडर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत आज ही हुई है. इसी कॉन्फ्रेंस में वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने यह बात कही है.
LAC पर लद्दाख सेक्टर और ईस्टर्न सेक्टर में भारत और चीन के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है. दोनों ही ओर से सीमा पर सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जा रहा है. बीते 18 महीने से लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और यह कम नहीं हो रही है. रक्षा मंत्री ने वायु सेना की उच्च स्तरीय तैयारियों और किसी भी तरह की स्थिति में शॉर्ट नोटिस पर तैयार रहने की क्षमता की तारीफ की.
कमांडर्स को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने तुरंत जवाब देने के लिए कई स्तर पर क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर भारत के खिलाफ किसी तरह की गतिविधि होती है तो हमें करारा जवाब देने के लिए तैयार होना चाहिए. वायुसेना प्रमुख ने सेना और नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास की जरूरत पर भी जोर दिया ताकि भविष्य की जंग के लिए भारत तैयार हो सके. रक्षा मंत्री ने इस संबंध में कहा कि इस बारे में विचार चल रहा है और सभी लोगों से बात चल रही है.
मिलिट्री अफेयर्स विभाग (DMA) की अध्यक्षता कर रहे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं से कहा है कि थिएटर कमांड को तैयार करने के लेकर अध्ययन करें और छह महीने में अपनी विस्तृत रिपोर्ट भेजें. रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा सितंबर, 2022 से बढ़ाकर अप्रैल, 2022 कर दी गई है. चीन लगातार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और सीमा पर उकसावे की हरकतें कर रहा है. वह लगातार सीमा पर अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा हुआ है. इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी उसने काफी बढ़ा दिया है. दूसरी तरफ पाकिस्तान को भी वह सैन्य मदद करने में लगा हुआ है.