चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इस साल ठंड में भी पूरी गर्मी बनी रहेगी। पिछले साल शून्य से 20 डिग्री नीचे के तापमान में एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में आनन फानन में हुई सैन्य तैनाती के बाद एलएसी के जमीनी हालात में कोई फर्क नहीं है।
लद्दाख में थल सेना की मदद के लिए वायुसेना की पूरी ताकत
इस साल पश्चिमी सेक्टर के लद्दाख के साथ पूर्वी सेक्टर के अरुणाचल प्रदेश व सिक्किम में भी थल और वायु सेना की खास योजना के तहत तैनाती की जा रही है। खासतौर पर पूर्वी सेक्टर में इंटीग्रेटेड इनफेन्टरी ट्रूप्स की शक्ल में सेना चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने केलिए तैयार हो चुकी है।
सेना के 2021 की दूसरी चार दिवसीय कमांडर कान्फ्रेंस में भयंकर ठंड में एलएसी पर तैनाती को लेकर खास मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक चीन की लगातार चल रही पैंतरेबाजी के चलते लद्दाख में सियाचिन और पूरे एलएसी पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) जैसी स्थिति बन गई है। यानी मौसम की तमाम चुनौतियों और संबंधित मुश्किलों के बावजूद वहां सालों भर पूरी सैन्य तैनाती रखना अपरिहार्य हो गया है। पहले नवंबर में बर्फ जमने की शुरुआत के बाद से भारत और चीन की सेना पीछे चली जाती थीं।