देश में चिकित्सा सेवा में विस्तार के मकसद से केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक कुल 157 नये मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है और 17,691.08 करोड़ निवेश किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके साथ ही कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 16,000 स्नातक मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी। इनमें से 64 नए मेडिकल कालेजों के कामकाज के साथ 6,500 सीटें पहले ही सृजित की जा चुकी हैं।
बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने देश में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकारों या केंद्र सरकार के मेडिकल कालेजों के अद्यतन के लिए भी लगभग 2,451.1 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इस योजना के तहत मेडिकल कालेज उन जिलों में स्थापित किए जाते हैं, जिनमें न तो सरकारी मेडिकल कॉलेज है या निजी मेडिकल कालेज हैं। इस दौरान वंचित, पिछड़े और आकांक्षी जिलों को वरीयता दी जाती है।
योजना के तीन चरणों के तहत 157 नए मेडिकल कालेज स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 63 मेडिकल कालेज पहले से ही काम कर रहे हैं। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्थापित किए जा रहे 157 नए कालेजों में से 39 आकांक्षी जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं।
एमबीबीएस की 10,000 सीटों के सृजन की योजना
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सरकारी कालेजों में 10,000 एमबीबीएस सीटों के सृजन के उद्देश्य से मंत्रालय केंद्र प्रायोजित योजना को भी लागू कर रहा है। एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार, केंद्र्र सरकार के मेडिकल कालेजों को अपग्रेड करने की योजना है।
पूर्वोत्तर राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के वित्त पोषण पैटर्न क्रमश: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 90:10 है। हालांकि, अन्य राज्यों के लिए अनुपात 60:40 है, जिसकी ऊपरी सीमा लागत 1.20 करोड़ रुपये प्रति सीट है। मंत्रालय ने कहा कि 15 राज्यों में कुल 48 कालेजों को 3,325 सीटों की वृद्धि के लिए मंजूरी दी गई है, जिसमें केंद्र के हिस्से के रूप में 6,719.11 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।