सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को गैरसरकारी संगठन सुराज इंडिया के चेयरमैन राजीव दहिया से कहा, हम आपको दुर्व्यवहार करने की इजाजत नहीं दे सकते। आप सुधर नहीं रहे। बार बार हमारे फैसले की गलत व्याख्या कर न्यायिक व्यवस्था को बदनाम कर रहे हैं।
हालांकि बिना शर्त माफी मांगने को तैयार होने पर कोर्ट ने दहिया की अवमानना की सजा अगले साल जनवरी तक टाल दी है। कोर्ट ने कहा, आपको थोड़ा वक्त दे रहे हैं। हम देखेंगे आगे आप में क्या सुधार होता है, फिर फैसला करेंगे। दहिया को ‘बदनाम करने तथा धमकी देने के लिए 25 लाख रुपये का जुर्माना जमा नहीं करने पर अवमानना का दोषी ठहराया गया है।
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमए सुंदरेश की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, आप को लगता है कि धमकी देकर आप अपना उल्लू सीधा कर लेेंगे। फिर चाहे वह पीठ हो या अन्य लोग। आपने कहा भी है कि धमकी देकर आप लोगों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर सकते हैं। लेकिन हम आपको ऐसा करने नहीं देंगे।
दहिया ने कहा, मैंने बिना शर्त माफी मांग ली है और कोर्ट को उनके प्रति दयालु भाव रखना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा, हमने दयालु होने की कोशिश की, लेकिन आप ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो इस दया को बहुत अच्छी तरह से स्वीकार करते हैं। पूरी समस्या यही है। पीठ ने कहा, आपने बिना शर्त माफी मांगने की बात रखी है इसलिए आपकी सजा को टाल रहे हैं। देखते हैं कि आपका व्यवहार कैसा रहता है। कोर्ट अगली सुनवाई 11 जनवरी को करेगा।