पाकिस्तान के ग्वादर में मुहम्मद अली जिन्ना की एक मूर्ति को रविवार को एक बम से उड़ा दिया गया। पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
समाचार पत्र डॉन ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रतिमा के नीचे एक विस्फोटक उपकरण रखकर उसे उड़ाया गया है। जिन्ना की यह प्रतिमा इस साल की शुरुआत में ही मरीन ड्राइव पर लगाई गई थी, जिसे बलोचिस्तान के ग्वादर का सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है।
खबर के अनुसार विस्फोट में प्रतिमा पूरी तरह से नष्ट हो गई। बीबीसी उर्दू की खबर के अनुसार प्रतिबंधित संगठन बलोच रिपब्लिकन प्रâंट के प्रवक्ता बबगर बलोच ने ट्विटर पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। बीबीसी उर्दू ने ग्वादर के उपायुक्त मेजर (सेवानिवृत्त) अब्दुल कबीर खान के हवाले से कहा कि मामले की उच्चतम स्तरीय जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि विस्फोटक लगाकर जिन्ना की प्रतिमा को नष्ट करने वाले पर्यटकों के रूप में क्षेत्र में घुसे थे। उनके मुताबिक अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन एक-दो दिन में जांच पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘हम मामले को सभी कोणों से देख रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।’ जिन्ना १९१३ से लेकर १४ अगस्त १९४७ को पाकिस्तान की स्थापना तक ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता रहे। इसके बाद १९४८ में निधन होने तक वह पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल रहे।