अफगानिस्तान में पिछले महीने किए गए ड्रोन हमले (Drone Attack) का बचाव कर चुका पेंटागन अब अपने बयान से पलट गया है और उसने शुक्रवार को कहा कि अंदरूनी जांच से खुलासा हुआ है कि इस हमले में सिर्फ आम नागरिक ही मारे गए न कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि 29 अगस्त को काबुल में ड्रोन हमले में 10 अफगान नागरिकों की मौत एक दुखद गलती थी, पीड़ितों के परिवारों के लिए गहरी संवेदना।
वहीं अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन III ने 29 अगस्त को काबुल में ड्रोन हमले में 10 अफगान नागरिकों की मौत के लिए माफी मांगी है। 29 अगस्त के इस हमले में बच्चों समेत कई आम नागरिक मारे गए थे, लेकिन हमले के चार दिन बाद पेंटागन अधिकारियों ने कहा था कि ये बिल्कुल सटीक हमला था।
मीडिया ने बाद में इस घटना पर जारी अमेरिकी बयानों पर संदेह प्रकट करना शुरू कर दिया और खबर दी कि जिस वाहन को निशाना बनाया गया था उसका चालक किसी अमेरिकी मानवीय संगठन का कर्मचारी था। खबर में ये भी बताया गया कि इस वाहन में विस्फोटक होने के पेंटागन के दावे के पक्ष में कोई सबूत नहीं हैं।
पेंटागन के हमले पर तालिबान ने अमेरिका की निंदा करते हुए कहा था कि उसने आदेश देने से पहले हमें सूचना नहीं दी। प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने चीन के सरकारी टेलीविजन सीजीटीएन को बताया कि विदेशी धरती पर अमेरिकी कार्रवाई गैरकानूनी है। मुजाहिद ने सीजीटीएन को एक लिखित जवाब में कहा कि अगर अफगानिस्तान में कोई संभावित खतरा था तो हमें इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी, न कि एक मनमाना हमला करना चाहिए था जिसके चलते नागरिक हताहत हुए।
वहीं पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि आत्मघाती कार हमलावर काबुल में हवाई अड्डे पर हमला करने की तैयारी कर रहा था, जहां अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से वापसी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अमेरिकी सेंट्रल कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने बताया कि अमेरिकी सैन्य बलों ने काबुल में आत्मरक्षा में एक कार पर ड्रोन से हमला किया, जिससे हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आईएसआईएस-के का आसन्न खतरा टल गया।