सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति पर कई लेख तथा काफी साहित्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं और वह साजिश के पचड़े में पड़ने के बजाय महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन की याचिका की खारिज
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए की, जिसमें डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति और दूसरी लहर में उसके प्रभाव के बारे में वैज्ञानिक पड़ताल के लिए केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने इस टास्क फोर्स में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों (चीन के लोगों सहित) को शामिल करने की भी मांग की थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता एनजीओ ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ और उसके अध्यक्ष पंकज फडणीस को अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन के संबंध में सरकार से संपर्क करना चाहिए। पीठ ने कहा, आपको अपने अनुरोध के साथ सरकार से संपर्क करना चाहिए।
इस मामले के लिए हमारा अधिकार क्षेत्र चीन या अमेरिका के नागरिकों पर नहीं है। अगर वे वायरस स्वरूप की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते।
फडणीस ने कहा कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति अभी भी एक रहस्य है और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी उत्पत्ति महाराष्ट्र के अमरावती में हुई है जबकि अन्य विशेषज्ञों ने अलग-अलग बातें कही हैं।
उन्होंने कहा कि आधिकारिक गणना के अनुसार अप्रैल से जून 2021 तक 2,50,000 से अधिक भारतीयों की कोविड-19 के कारण मौत हो गई जबकि अन्य विश्वसनीय रिपोर्ट ने इस संख्या को 15 गुना से अधिक बताया है।