केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर दिए गए, ‘कान के नीचे थप्पड़ लगाने’ वाले बयान के बाद शिवसैनिकों द्वारा राज्य भर में जिस तरह से तोड़ -फोड़ और भाजपा कार्यालयों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं, उस पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का वक्तव्य का भाजपा समर्थन नहीं करती। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भारत की स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव वर्ष याद नहीं रहा, इसका विरोध करने का दूसरा तरीका हो सकता है। हम उनके वक्तव्य का समर्थन नहीं करते, राणे के बयान का भाजपा समर्थन नहीं करती, लेकिन जिस तरह से शिवसेना द्वारा जवाब दिया जा रहा है,उसको लेकर हम पूरी ताकत से राणे के साथ हैं।’ पुलिस द्वारा शिवसैनिकों के हमले ना रोक पाने पर प्रतिक्रिया देते हुए फड़नवीस ने कहा, ‘सबंधित जो भी पुलिस कमिश्नर हैं,उन्हें मैं बता देना चाहता हूं,कि अगर भाजपा के कार्यालय में हमले किये गए, तो,हम भी चुप नहीं बैठेंगे। जहां - जहां हमारे कार्यालय तोड़े जाएंगे,उस क्षेत्र के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के पास जाकर भाजपा आंदोलन करेगी। हम चुप नहीं रहेंगे,ये मेरी धमकी नहीं है। हम राडा नहीं करते, हम राड़ेबाज नहीं हैं।’
‘राज्य सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर रही, कानून राज नहीं रहा’
इस मौके पर देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, “पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है,जो आदेश दिया है, वो पत्र मैंने पढ़ा, उसे देखने के बाद ये लगता है, कि क्या पुलिस के बड़े अधिकारी खुद को छत्रपति (शिवाजी महाराज) समझते हैं? पुलिस ने जो भी धाराएं लगाई हैं,उनको लगाने से पहले जिन पर मामला दर्ज हो रहा है,उनका बयान लेना भी जरूरी है। पुलिस जो कार्रवाई कर रही है,वो सरकार को खुश करने के लिए कर रही है।” लेकिन बदले में राज्य सरकार जिस तरह का रवैया दिखा रही है, वो कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, जिस तरह से भाजपा कार्यालयों पर हमले हुए हैं, वो ठीक है क्या? पश्चिम बंगाल की तरह हिंसा शुरू हो गई है। यह तो वही बात हुई कि ‘बछड़े को मारा तो हम गाय को मारेंगे। हमारी यही अपील है कि कानून के हिसाब से चलिए।’ फड़नवीस ने कहा कि, ‘पुलिस तब कहां चली जाती है, जब शरजिल उस्मानी यहां आकर हिंदुओं के बारे में अनाप-शनाप बोल कर चला जाता है, और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। उसे गिरफ्तार नहीं करती।