अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को तालिबान के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों को खारिज करने से इनकार कर दिया। लेकिन साथ ही बाइडेन ने कहा कि ये उस आतंकवादी समहू के आचरण पर निर्भर करता है, जिसने काबुल में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को जबरदस्ती बदलने के बाद कई आश्वासन दिए हैं।
रूजवेल्ट रूम में बाइडेन से जब पूछा गया कि क्या वो कुछ शर्तों के तहत तालिबान के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करेंगे, तो उन्होंने कहा कि जवाब हां है। ये आचरण पर निर्भर करता है। बिडेन ने ये भी बताया कि अमेरिका ने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास सुरक्षित क्षेत्र का विस्तार किया है और कहा कि वो अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ 31 अगस्त की समय सीमा से आगे निकासी मिशन को बढ़ाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
आतंकवादी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश में- बाइडेन
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हमारे और सेना के बीच विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है, हमारी आशा है कि हमें विस्तार नहीं करना पड़ेगा। बाइडेन ने कहा कि हम जानते हैं कि आतंकवादी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और निर्दोष अफगानों या अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना सकते हैं। हम ISIS और ISIS-K नाम के अफगान सहयोगी समेत किसी भी स्रोत से आने वाले खतरों की निगरानी और उन्हें बाधित करने के लिए निरंतर सतर्कता बरत रहे हैं।
इससे पहले रविवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा कि अगर तालिबान काबुल हवाई अड्डे से निकासी कार्यों में बाधा डालता है तो वाशिंगटन तालिबान को तुरंत और कड़ा जवाब देगा। एनएसए सुलिवन ने एनबीसी न्यूज को बताया कि अगर अमेरिकियों को हवाई अड्डे पर जाने से रोक जाता है या देश छोड़ने से रोक दिया जाता है या हमारे संचालन को बाधित कर दिया जाता है या हमारे निकासी में किसी तरह से हस्तक्षेप किया जाता है तो हमने उन्हें (तालिबान को) समझाया है कि फिर उसे तेजी से और जोरदार जवाब मिलेगा।
अफगानिस्तान से निकासी को इतिहास में अब तक का सबसे कठिन और सबसे बड़ा एयरलिफ्ट करार देते हुए बाइडेन ने शुक्रवार को सभी अमेरिकियों और सहयोगियों को युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालने का आश्वासन दिया था।