अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तालिबान के खिलाफ लड़ने की साहस दिखाए बिना काबुल का पतन अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार में से एक के रूप में जाना जाएगा. ट्रंप ने अफगान सरकार के हारने के बाद अपने उत्तराधिकारी जो बाइडेन से पद छोड़ने की मांग की है. तालिबान ने तेजी से अफगानिस्तान (Afghanistan) के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाया है. इसके अलावा, चरमपंथी संगठन ने काबुल पर भी कब्जा जमा लिया है और अब उसके नेता राष्ट्रपति भवन में मौजूद हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के साथ जो किया है वह लिजेंडरी है. ये अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार में से एक होगी. ये एक ऐसा वक्त है, जब बाइडेन को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि अफगानिस्तान में उन्होंने वो सब होने दिया जो नहीं होना चाहिए था.’ ट्रंप ने कहा, बाइडेन प्रशासन की वजह से कोविड-19 (Covid-19) के मामलों में इजाफा हुआ, सीमा पर हालात बिगड़े, ऊर्जा स्वतंत्रता का विनाश हुआ और हमारी अर्थव्यवस्था अपंग हो गई. पूर्व राष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया कि बाइडेन का इस्तीफा कोई बड़ी चीज नहीं होगी.
पूर्व राष्ट्रपति का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब रविवार को अफगानिस्तान सरकार (Afghanistan Government) का पतन हो गया और राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) समेत देश के कई प्रमुख अधिकारी मुल्क छोड़कर भाग गए. तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) पर कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. रिपोर्टों से पता चलता है कि तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (Islamic Emirate of Afghanistan) की दोबारा स्थापना करने की घोषणा करेगा.
वहीं, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि उन्होंने खून-खराबे से बचने के लिए अपना देश छोड़ा. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देर रात फेसबुक पर पोस्ट कर देश छोड़ने की वजह बताई. गनी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि अब तालिबान जीत चुका है. अब वह अफगान के लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि उनके देश छोड़ने की वजह थी कि अगर वो अफगानिस्तान में रुकते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते और इस बीच कई लोगों की जान जाती, साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता.