म्हाडा के भूखंड पर हुए अवैध निर्माण पर तोड़क कार्रवाई करने में अब म्हाडा के अधिकारी ज्यादा जोर दे रहे है। म्हाडा की जमीन पर हुए अवैध निर्माण से म्हाडा घर नहीं बना पा रही है। जिससे मुंबई वासियो को म्हाडा का घर मिलना मुश्किल हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में खाली भूखंड न होने से म्हाडा के घर मिलना गरीब जनता के लिए मुनासिब नहीं हो पा रहा है। म्हाडा द्वारा पिछले कुछ दिनों में गोरेगांव, मालाड, ओशिविरा आदि इलाकों में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर उसे खाली कराया गया है। म्हाडा ने इसकी शुरुआत पश्चिमी उपनगर से शुरू किया गया है। म्हाडा मुंबई मंडल का कहना है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर भूखंड को खाली कराया जाएगा और उस पर निर्माण कार्य किया जाएगा। गोरेगांव मालाड और ओशिविरा के कई इलाकों में म्हाडा के भूखंड पर हुए अवैध निर्माण पर म्हाडा ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
मालाड पश्चिम में चार इमारतों में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए तीन मंजिल को तोड़ा गया है। म्हाडा की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर अवैध निर्माण किए जाने को लेकर अनेक शिकायत दर्ज कराई गई है। म्हाडा पर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न करने को लेकर भी आरोप लगाते रहते हैं। म्हाडा मुंबई मंडल के मुख्य अधिकारी डॉ. योगेश महसे ने कहा कि अगस्त से अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था जिसके आधार पर जुलाई तक आई शिकायतो की जानकारी ली गई. म्हाडा की इमारतो और भूखंड पर कब्जा होने की लगभग 150 शिकायत की जानकारी अधिकारियों ने दी। म्हाडा के सह मुख्याधिकारी जीवन गलांडे ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन साल पूर्व ही म्हाडा को नियोजन प्राधिकरण दर्जा बहाल किया है। इसके पहले म्हाडा के पास अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं था।