कोरोना की वजह से अनाथ बच्चों और विधवा महिलाओं के लिए अमरावती जिले में प्रायोगिक आधार पर चल रही वात्सल्य योजना को पूरे राज्य में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस बात की जानकारी महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने दी।
कोरोना की वजह से महाराष्ट्र में विधवा हुई महिलाओं की समस्याओं और समाधान को लेकर महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मंत्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता खो चुके बच्चों के साथ विधवा महिलाओं के लिए भी परेशानी खड़ी हो गई है। ये महिलाएं अपने परिवारों से बेदखली और विरासत के अधिकारों का सामना कर रही हैं। इन महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओं के लाभ के लिए लागू की जा रही वात्सल्य योजना में शामिल किया जाएगा। इन बेसहारा महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ उन्हें उनकी दैनिक जरूरतों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने की दृष्टि से कार्य निश्चित रूप से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से महिला और बच्चों की योजना लागू करने के लिए मदद अपेक्षित है। हालांकि राज्य सरकार की नीति अधिकतम सहायता प्रदान करने की है। मंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से अनाथ बच्चों के लिए राज्य व जिला स्तर पर स्थापित टास्क फोर्स में कोरोना की वजह से विधवा हुई महिलाओं का सर्वेक्षण आदि शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।