भारत आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की दिल्ली में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात पर चीन भड़क गया है। ब्लिंकन की दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात के बाद से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था। अब चीन ने कहा है कि अमेरिकी ने दलाई लामा के सहयोगी से मुलाकात कर अपने वादे को तोड़ा है।
उसने तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने की प्रतिबद्धता जताई थी। ब्लिंकन ने ही गोदुप दोंगचुंग से मुलाकात की थी, जो सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि हैं। इसे तिब्बत की निर्वासित सरकार भी कहा जाता है। दोंगचुंग ने दलाई लामा की ओर से भेजे गए स्कार्फ को ब्लिंकन को भेंट किया था। उनके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिल्ली स्थित तिब्बत हाउस के निदेशक गेशे दोर्जी दामदुल से भी मुलाकात की थी। उन्होंने सिविल सोसायटी ग्रुप्स से चर्चा के दौरान दामदुल से मुलाकात की थी। 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दलाई लामा से मुलाकात के बाद यह पहला मौका था, जब किसी अमेरिकी सरकार के व्यक्ति ने तिब्बत की निर्वासित सरकार से जुड़े व्यक्ति से मुलाकात की। इस मीटिंग को लेकर चीन ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। चीन ने कहा है कि अमेरिका की यह हरकत हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने के जैसा है।