देश में ड्रोन का संचालन अब आसान होगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विश्वास, स्व प्रमाणन और गैर घुसपैठ निगरानी के आधार पर बृहस्पतिवार को नियमों का नया मसौदा जारी किया है। इसके तहत अब ड्रोन उड़ाने के लिए 25 के बजाय छह फार्म भी भरने होंगे, साथ ही बहुत सारी मंजूरियों की भी जरूरत नहीं होगी।
मंत्रालय के मसौदे में 12 मार्च को जारी मानवरहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 को आसान किया गया है। इसमें शुल्क को घटाया है और इसे ड्रोन के आकार पर तय किया गया है। इसके अलावा अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, आर एंड डी संगठन का प्राधिकरण और छात्र लाइसेंस जैसी विभिन्न स्वीकृतियों की आवश्यकता को भी खत्म किया गया है। मंत्रालय ने इस मसौदे पर जनता और विभिन्न हितधारकों से पांच अगस्त तक उनके सुझाव व आपत्तियां मांगी हैं।
ड्रोन की तकनीकी क्रांति में हम अपने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देंगे
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ‘ड्रोन कम लागत, संसाधनों और संचालन में लगने वाले समय के साथ दुनिया भर में अगली बड़ी तकनीकी क्रांति ला रहे हैं। यह हम पर है कि हम नई लहर पर सवार हों और विशेष रूप से हमारे स्टार्टअप्स के बीच इसे बढ़ावा दें।’
400 फीट तक उड़ान के लिए कोई मंजूरी नहीं
नए मसौदे के तहत अब ग्रीन जोन में 400 फीट और हवाई अड्डों की 8-12 किलोमीटर की परिधि में 200 फीट की ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए किसी तरह की खास मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा ड्रोन हस्तांतरित करने व दोबारा पंजीकरण के नियमों को भी आसान किया गया है।
कार्गो डिलीवरी के लिए अलग कॉरिडोर
कार्गो डिलीवरी के लिए अलग ड्रोन कॉरिडोर बनाया जाएगा। वहीं देश में ड्रोन के अनुकूल नियामक व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए ड्रोन प्रमोशन काउंसिल की स्थापना भी की जाएगी।
भारत में पंजीकृत विदेशी कंपनियों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं
मसौदा नियम के तहत भारत में पंजीकृत विदेशी कंपनियों पर ड्रोन संचालन को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को सिंगल विंडो ऑनलाइन सिस्टम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें मानव दखल न के बराबर होगा।