कोरोना संक्रमण, इकोनॉमी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर हो रहे हमलों पर केंद्र सरकार ने पूर्ण विराम लगाने का इरादा बना लिया है। कैबिनेट की पहली बैठक के बाद सरकार का ये इरादा तब साफ हो गया, जब नए चेहरों ने फैसलों की जानकारी जनता के बीच रखी। जिन फैसलों की जानकारी पहले रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर देते थे, अब उन अहम फैसलों को सुनाने का जिम्मा नए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को सौंप दिया गया है।
मीडिया के सामने नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आए। आते ही उन्होंने 23 हजार करोड़ के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया। अपने छोटी सी स्पीच में कई बार उन्होंने पूर्ण विराम शब्द का इस्तेमाल किया। तीसरी लहर की चुनौतियों का जिक्र किया और ये इशारा भी कि इस लहर पर पूर्ण विराम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अभी से तैयार है।
बच्चों को कोरोना से बचाने पर ध्यान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में भविष्य में ऑक्सीजन की समस्या न हो, जरूरी दवाओं की कमी न हो और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए क्या किया जाए, इसे सोचते हुए ये पैकेज दिया जा रहा है। सेंट्रल और इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इस पैकेज का इस्तेमाल करके हम कोविड से लड़ेंगे। टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेशन पर फोकस किया जाएगा।
जुलाई से मार्च तक हर राज्य में प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर लेवल पर बेड बनाने का प्रावधान है। 20 हजार ICU बेड बनाने के लिए भी पैकेज की व्यवस्था होगी। बच्चों को ध्यान में रखते हुए भी इन ICU में हाइब्रिड व्यवस्था होगी।
तीसरी लहर रोकने के लिए नया पैकेज
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा- 2020 में कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने पहला पैकेज 15 हजार करोड़ रुपए का दिया गया था। इसकी मदद से कोविड डेडिकेटेड अस्पताल 163 से 4,389 हो गए। पहले कोविड हेल्थ सेंटर थे ही नहीं, अब 8,338 हो चुके हैं। कोविड केयर सेंटरों की संख्या 10 हजार हो गई है। ऑक्सीजन बेड 4 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस फंड का अच्छा इस्तेमाल हुआ। कोरोना की दूसरी लहर में जो दिक्कतें हमारे सामने आईं, उसे देखते हुए 23 हजार करोड़ का नया पैकेज लाए हैं। केंद्र 15 हजार करोड़ खर्च करेगा और राज्य सरकारों को 8 हजार करोड़ दिए जाएंगे।
'किसानों से बात करने को तैयार सरकार'
केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसान नेताओं से आंदोलन खत्म कर बातचीत करने को कहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा-मैं किसान संगठनों से अपील करता हूं कि वो अपना आंदोलन अब बंद कर दें। हम लोगों से बातचीत करें। सरकार बातचीत के लिए तैयार है। एपीएमसी मंडियों को और मजबूत किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में APMC मंडी के जरिए किसानों तक 1 लाख करोड़ रुपए पहुंचाने की योजना तैयार की गई है। सरकार का कहना है कि वो मंडियों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एग्री स्टार्टअप, किसानों के समूह को 2 करोड़ तक के लोन पर 3% ब्याज की छूट दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा प्रोजेक्ट, इन प्रोजेक्ट की अधिकतम सीमा 25 हो सकती है और अलग-अलग इलाकों में होंगी, इन पर 2 करोड़ रुपए अलग-अलग लोन दिया जाएगा और ब्याज की छूट होगी। कृषि उपज मंडी के क्षेत्र में किसानों के लिए एक से ज्यादा परियोजनाएं लाएगी तो उसे भी ऐसे लोन दिए जाएंगे।