अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जांच योजना कम्प्यूटर ऑपरेटर महासंघ राजस्थान के आह्वान पर जिले के कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से हड़ताल की।
इससे अस्पतालों में नि:शुल्क दवा वितरण केंद्र (डीडीसी) पर मरीजों को दवाइयां देने में परेशानी का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि 18 फरवरी को महासंघ भरतपुर के पदाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को हड़ताल जाने की सूचना देकर अवगत कराया था।
गुरुवार को महासंघ ने पीएमओ को अवगत कराकर हड़ताल शुरू की। इस संबंध में जिलाध्यक्ष विकास जायसवाल ने बताया कि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में संविदा मशीन विद् मैन की स्वीकृति एनजीओ/प्लेसमेंट एजेंसी से रखे जाने की प्राप्त हो चुकी है। वित्त विभाग के स्तर से संविदा मशीन विद् मैन को आरएमआरएस (राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी) के माध्यम से रखने के लिए पत्रावली प्रक्रियाधीन है। सीधी भर्ती के लिए बोनस अंक का प्रावधान कमेटी स्तर पर विचाराधीन है। दूसरी ओर वर्तमान में इनकी सेवाएं मासिक मानदेय 8500 रुपए प्रतिमाह की दर से ली जा रही हैं। वहीं मानदेय बढ़ोतरी का निर्णय मंत्रीमंडलीय कमेटी स्तर पर विचाराधीन है।
वहीं मशीन विद् मैन को आरएमआरएस से जोड़ा जाना आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।केंद्र पर अरुण, पुनीत पाराशर, भूपेंद्रसिंह, कोमल, मनोज पाराशर आदि ने बताया कि संभाग मुख्याल पर आरबीएम में 06 और जनाना अस्पताल में 03 डीडीसी काउंटर हैं इन पर कार्यरत नौ मशीन विद् मैन हड़ताल पर रहे। वहीं जिले में करीब 60 से 65 ऑपरेटर हड़ताल पर रहे। ऐसे में अगर इनकी हड़ताल सुचारू रही तो मरीजों की ऑनलाइन पर्ची की एंट्री व केंद्र पर दवा होने या न होने की स्थिति खराब हो जाएगी।