पुलिस इंसपेक्टर भीमराव घाडगे ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी उन पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दर्ज नहीं की गई।
घाडगे ने वकील एसबी तालेकर के जरिए अदालत में हलफनामा दाखिल कर सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका का विरोध किया। घाडगे ने आरोप लगाया कि अपने पूरे करियर के दौरान भ्रष्ट कृत्यों में लिप्त होकर सिंह ने पुलिस बल को बदनाम किया है। उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह सिंह की याचिका पर 21 मई को सुनवाई करेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया है कि 21 मई तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। सिंह ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर करते हुए कहा था कि इस साल मार्च में देशमुख के खिलाफ आरोप लगाते हुए, जो पत्र उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा था उसका बदला लेने की मंशा से उनके खिलाफ राज्य सरकार झूठे आरोप लगा कर उन्हें निशाना बना रही है।
घाडगे ने हलफनामे में कहा है कि मैं इस बात को पूरी तरह विरोध करता हूं कि मेरे द्वारा दर्ज की गई शिकायत और पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी, सिंह पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखे शिकायत पत्र को वापस लेने का दबाव बनाने का कोई प्रयास है। हमारी शिकायत और सिंह के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को आपस में जोड़ना निराधार है। हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पास इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। घाडगे ने सबसे पहले जनवरी 2016 में सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और तब इस मामले की जांच नहीं की गई और इसलिए उन्होंने इस साल फिर शिकायत दर्ज कराई है।