फरवरी 2022 में होने वाले मनपा चुनाव को लेकर शिवसेना अभी से चुनावी एजेंडा बनाना शुरू कर दिया है। चौबीसों घंटे पानी का सपना दिखाने वाली शिवसेना अब झोपड़ा धारकों को रिझाने के लिए 2011 तक के झोपड़ा धारकों को पानी मिले इसके लिए नल कनेक्शन देने की कवायद शुरू की है।
शिवसेना ने 2011 तक के झोपड़ा धारकों को पानी देने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि झोपड़ धारकों को 1995 तक पानी उपलब्ध कराया जाता रहा है। 1995 तक के झोपडों को संरक्षित माना जाता है। इसके बाद राज्य सरकार ने 2000 तक के झोपड़ों को मान्यता दी। मनपा इसके बाद 2000 तक के झोपड़ा धारकों को नल कनेक्शन देने का निर्णय लिया।
राज्य सरकार के नियमानुसार 2000 हजार तक झोपड़ा धारकों को संरक्षित किया गया, जिसके आधार पर मनपा ने 2000 तक के लोगों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया। अब शिवसेना ही 2011 तक के झोपड़ा धारकों को पानी देने की तैयारी कर रही है।
शिवसेना के पूर्व विधायक म्हाडा के सभापति विनोद घोसालकर ने मार्च महीने में महापैर किशोरी पेडणेकर को पत्र लिखकर 2011 तक के झोपड़ा धारकों को पानी देने की मांग रखी थी, उन्होंने पत्र में लिखा है कि गणपत पाटिल नगर के 2000 तक के लोगों को पानी दिया जा रहा है। पानी की समस्या विकट बनी हुई है, जिसके चलते 2011 तक के लोगों को पानी दिया जाए।
घोसालकर के पत्र पर मनपा में पार्टी नेताओं की बैठक में चर्चा भी हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। अब मनपा नेताओं की आज होने वाली बैठक में फैसला होगा।
मुंबई की कुल जनसंख्या का 60 प्रतिशत जनसंख्या झोपड़ पट्टी में रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए 2011 तक के झोपड़ा धारकों को नल कनेक्शन देने की तैयारी की है। फरवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए झोपड़ा धारकों को पहले टारगेट किया जा रहा है। कांग्रेस इसके पहले ही झोपड़ा धारकों को ध्यान में रखते हुए उन्हे मुफ्त में पानी देने की मांग की है।
भाजपा ने पहली मंजिल के झोपड़ा धारकों को कार्रवाई न करने और उन्हें नियमित करने की मांग कर रखी है। शिवसेना झोपड़ा धारकों को रिझाने के लिए कैसे पीछे रहती अब 2011 तक के लोगों को पानी देने की तैयारी की है।