न्यूजीलैंड के भारत स्थित उच्चायोग के एक कर्मचारी के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की मांग पर उठे विवाद में वहां की प्रधानमंत्री जेसिंडा एर्डर्न ने सफाई दी है।
जेसिंडा ने कहा कि उच्चायोग ने अपने बीमार स्थानीय कर्मचारी के लिए ट्विटर पर ऑक्सीजन की मांग की थी। हालांकि उच्चायोग को इसके लिए किसी और माध्यम का इस्तेमाल करना चाहिए था। दरअसल न्यूजीलैंड उच्चायोग में कांग्रेस के युवा मोर्चा ने ऑक्सीजन पहुंचाई थी, जिस पर विवाद हो गया था।
विदेश मंत्रालय ने दूतावासों और उच्चायोगों के कोरोना से जुड़ी चिकित्सा सहायता के लिए सोशल मीडिया पर लिखने को लेकर कई आपत्ति दर्ज की थी। इसके बाद न्यूजीलैंड उच्चायोग ने माफी मांगी थी। बाद में उसने ऑक्सीजन की मांग वाला ट्वीट भी हटा लिया था।
न्यूजीलैंड रेडियो के मुताबिक, वहां के विदेश मंत्रालय ने पूरे मामले पर खेद जताते हुए कहा कि उच्चायोग का एक कर्मी की कोरोना से हालत बिगड़ गई थी, इसलिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। उसने कहा कि हालांकि कोई राजनयिक कोविड संक्रमित नहीं है और कर्मियों के लिए कैंपस के अंदर ही इलाज की व्यवस्था है।