कोरोना मरीजों के लिए आज दवा से अधिक ऑक्सीजन की जरूरत अधिक पड़ गई है। मनपा ने अब अपने अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पतालों पर ध्यान रखना शुरू कर दिया है। मनपा का दावा है कि मनपा अस्पतालों सहित प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। ताकि किसी मरीज की जान ऑक्सीजन की कमी से न जाने पाए। अगले कुछ दिनों में मुंबई को 500 टन ऑक्सीजन मिलने लगेंगे। जरूरत पड़ने पर यह ऑक्सीजन प्राइवेट अस्पतालों को भी आपूर्ति की जाएगी।
मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि मुंबई को रोज 235 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। मनपा ने रोजाना 500 टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों से खरीदने का निर्णय लिया है। यह ऑक्सीजन विशाखापत्तनम, जामनगर, रायगड जिले से मंगाई जा रही है। अब मनपा अस्पतालों को आवश्यकता से दोगुना ऑक्सीजन उपलब्ध होगा। साथ ही निजी अस्पतालों को जो ऑक्सीजन दिया जाएगा वह मनपा के कोटे से होगा। काकानी ने कहा कि निजी अस्पताल भी हमारे कहने से 80 प्रतिशत खाट कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे हैं, इससे हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि इन अस्पतालो में भी कोई समस्या न पैदा हो।
20 फीसदी ऑक्सीजन रखेंगे
काकानी ने कहा कि मुंबई को मिलने वाले ऑक्सीजन में 20 फीसदी ऑक्सीजन आपातकालीन परिस्थितियों के लिए रिजर्व रखा जाएगा। काकानी ने कहा कि मनपा जंबो कोविड सेंटर सहित मनपा अस्पतालों में 12 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर और ऑक्सीजन प्रोसेसर लगाया जाएगा।
जिससे ऑक्सीजन की तत्काल कमी न महसूस की जाए। ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर में पानी से ऑक्सीजन बनाया जाता है। ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर और प्रोसेसर दोनों में छोटी छोटी मशीनें लगी होती हैं।