देश में कोरोना के बिगड़ते हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित किया। मोदी ने अपने संबोधन में इलाज और दवाइयों को लेकर सरकारी कोशिशों का ब्यौरा दिया, तो वहीं ऑक्सीजन का इंतजाम करने पर सरकार के फोकस पर भी बात की। मोदी के संबोधन में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने का जिक्र भी था।
मोदी के इस संबोधन में सबसे बड़ी बात लॉकडाउन को लेकर थी। पिछले साल खुद देश में लॉकडाउन का ऐलान करने वाले मोदी ने इस बार कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना है।
राज्य सरकारें भी इसे आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें। उन्होंने राज्य सरकारों से लोगों के बीच भरोसा बनाए रखने की कोशिश करने को भी कहा, ताकि अचानक पलायन जैसे हालात न बनें।
देश में कोरोना की दूसरी लहर आने से हालात बिगड़े
‘कोरोना के खिलाफ देश आज फिर एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ हफ्ते पहले तक स्थिति संभली हुई थी। अब यह दूसरी लहर तूफान बनकर आ गई। जो पीड़ा आप लोगों ने सही है, जो पीड़ा सह रहे हैं, उसका मुझे पूरा एहसास है। जिन लोगों ने बीते दिनों में अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। परिवार के एक सदस्य के रूप में मैं आपके दुख में शामिल हूं। चुनौती बड़ी है, लेकिन हमें मिलकर अपने संकल्प, हौसले और तैयारी के साथ इसे पार करना है।’
अस्पतालों में बेड उपलब्ध करा रही सरकार
‘इस बार फार्मा सेक्टर ने दवाओं का उत्पादन बढ़ा दिया है। आज जनवरी-फरवरी की तुलना में कई गुना ज्यादा दवाओं का प्रोडक्शन हो रहा है। इसे अभी और तेज किया जा रहा है। सोमवार को भी मेरी देश की फार्मा इंडस्ट्री के प्रमुख लोगों से चर्चा हुई है। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए दवा कंपनियों की मदद ली जा रही है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश के पास इतना मजबूत फार्मा सेक्टर है, जो बहुत अच्छी और तेजी से दवाएं बनाता है। इसके साथ ही अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाने का काम भी तेजी से चल रहा है। कुछ शहरों में ज्यादा डिमांड को देखते हुए विशेष और विशाल कोविड अस्पताल बनाए जा रहे हैं।’
'पिछली बार जो परिस्थितियां थीं, वो अभी से काफी अलग थीं। तब हमारे पास इस महामारी से लड़ने के लिए कोरोना स्पेसिफिक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था। आप याद करिए, देश की क्या स्थिति थी। कोरोना टेस्टिंग के लिए पर्याप्त लैब नहीं थे, पीपीई का कोई प्रोडक्शन नहीं था, ट्रीटमेंट के बारे में खास जानकारी भी नहीं थी, लेकिन बहुत ही कम समय में हमने इन चीजों में सुधार किया। आज डॉक्टरों ने कोरोना के इलाज की बहुत ही अच्छी एक्सपर्टाइज हासिल कर ली है। वे ज्यादा से ज्यादा जीवन बचा रहे हैं।’
‘साथियो! आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वे लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है। हम अपनी अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधारेंगे और देशवासियों की सेहत का भी ध्यान रखेंगे।
'मंगलवार नवरात्रि का आखिरी दिन है। आज राम नवमी है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का हम सभी का यही संदेश है कि हम मर्यादाओं का पालन करें। कोरोना से बचने के जो भी उपाय हैं, कृपया उनका शत प्रतिशत पालन करें। दवाई भी, कड़ाई भी। यह मंत्र वैक्सीन के बाद भी जरूरी है। रमजान के पवित्र महीने का भी मंगलवार को सातवां दिन है। रमजान हमें धैर्य, संयम, अनुशासन की सीख देता है। कोरोना से जंग में अनुशासन की भी उतनी ही जरूरत है। जब जरूरी हो, तभी बाहर निकलें।’
‘मैं आपको फिर यह भरोसा देता हूं कि आपके साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ आज के हालात को बदलने में देश कोई कसर नहीं छाेड़ेगा।