फिलीपींस और अमेरिका के बीच सालाना संयुक्त सैन्य अभ्यास यहां सोमवार से शुरू होगा। फिलीपींस के सैन्य प्रमुख ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि दोनों देशों की नौसेना के बीच यह सैन्य अभ्यास दो सप्ताह तक चलेगा। सैन्य अभ्यास के ऐलान के पूर्व दोनों देशों के रक्षा सचिवों ने फोन पर क्षेत्रीय सुरक्षा विकास पर चर्चा की थी। इसके बाद सैन्य अभ्यास की घोषणा की गई।
खास बात यह है कि दोनों देशों के बीच यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय हो रहा है, जब दक्षिण चीन सागर में चीन की सक्रियता से काफी तनाव है। चीन लगातार ताइवान के समुद्री इलाके में घुसपैठ कर रहा है।
ताइवान ने इस घुसपैठ को लेकर चीन को सख्त चेतावनी जारी की है। ताइवान को लेकर दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की इस सक्रियता पर अमेरिका ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। इसको लेकर अमेरिका और चीन के संबंध काफी तल्ख हो गए हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस बार के सैन्य अभ्यास में दोनों देशों ने अपने सैनिकों की संख्या में भारी कटौती की है। लेफ्टिनेंट जनरल सिरिलिटो सोबजाना ने कहा िक इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका के 700 और िफलीपींस के 1000 नौसैनिक भाग लेंगे। पिछले अभ्यासों में सैनिकों की बड़ी तादाद हिस्सा लेती थी। इसके पूर्व इस सैन्य अभ्यास में 7,600 सैनिक शामिल थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते सैनिकों में शारीरिक संपर्क न्यूतम होगा। उधर, फिलीपींस ने सामरिक जलमार्ग में व्हिट्सुन रीफ में अपने 200 मील के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर चीनी नौकाओं की उपस्थिति के खिलाफ विरोध दर्ज किया है। फिलीपींस ने चीन से इन जहाजों को हटाने के लिए कहा है।