एकतरफ जहां राज्य में पूर्व गृहमंत्री पर लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ परमबीर सिंह मामले की जांच अब महाराष्ट्र के डीजी का पद संभालने वाले संजय पांडे करेंगे।
सीबीआई देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच कोर्ट के आदेश के बाद कर रही है जबकि अब महाराष्ट्र पुलिस भी एक्शन में आ गई है। संयुक्त आयुक्त मिलिंद भारंबे द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र के डीजी पांडेय परमबीर सिंह की जांच करेंगे। डीजी यह जांच करेंगे कि परमबीर सिंह ने वझे की नियुक्ति कैसे की। इसके अलावा वझे की नियुक्ति सीआईयू में संयुक्त आयुक्त के आपत्ति जताने के बाद भी कैसे की गई। किसी का दबाव उनपर था या फिर उन्होंने खुद यह फैसला लिया है। यह भी जानने के लिए कहा गया है कि वझे कैसे सीधे कमिश्नर को रिपोर्ट करते थे और अगर रिपोर्ट भी करते थे तो उनका कंट्रोल वझे पर नहीं था। बजट सेशन शुरू होने के दौरान सिंह ने एंटालिया केस की रिपोर्ट जल्दी क्यों नहीं दी। क्या इसमें उनका कोई स्वार्थ है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि पत्र लिखने का प्रोसीजर परमबीर सिंह ने फॉलो नहीं की। पत्र लिखने के बाद वह मीडिया में भी लीक हो गई। क्या वो सरकार की इमेज खराब करना चाहता थे। क्या यह आईपीएस के नियम 1968 का उल्लंघन है। अगर ऐसा है तो उनपर किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।