भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकात पाटिल ने प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों और बढ़ती मृत्यु दर पर काबू पाने में असमर्थ उद्धव ठाकरे सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पाटिल का बयान उस समय आया है, जब राकांपा के नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे के लोगों को और शिवसेना की नेता मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने देश की आर्थिक राजधानी में फिर लॉकडाउन की चेतावनी दी है।
पाटिल कहा है कि महाराष्ट्र सरकार, लोगों को भाषण देने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। जब उपमुख्यमंत्री पंढरपुर उपचुनाव के कारण बड़ी जनसभा को संबोधित करते हैं, मुख्यमंत्री स्वयं के परिवारजनों के कोरोना पॉजिटिव होते हुए रोज सैकड़ों लोगों से मिलते हैं, कांग्रेस नेता राज्य में जगह-जगह जाकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, ऐसे में इस सरकार को लोगों को नियमों के पालन का भाषण देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता।
पिछले 10 दिनों में महाराष्ट्र में अकेले देश के अन्य राज्यों के कुल केसों से ज्यादा कोरोना केस आए हैं। इसकी पूरी जानकारी देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि 16 मार्च को महाराष्ट्र में 17864 केस आए, जबकि शेष भारत में 11039 केस आए। 17 मार्च को महाराष्ट्र में 23179 कोरोना पॉजिटिव मरीज आए, जबकि बाकी देश में सिर्फ 12692 केस आए। 18 मार्च को महाराष्ट्र में नए पॉजिटिव मरीज़ों की संख्या 25833 थी, जबकि बाकी देश में 13893 केस आए। 19 मार्च को महाराष्ट्र में 25681 और बाकी देश में 15272, 20 मार्च को महाराष्ट्र में 27126 और शेष भारत में 16720, 21 मार्च को महाराष्ट्र में 30535 और शेष देश में 16416, 22 मार्च को महाराष्ट्र में 24645 और बाकी भारत में 16070 केस, 23 मार्च को महाराष्ट्र में 28699 और शेष भारत में 18563, 24 मार्च को महाराष्ट्र में 31855 और बाकी देश में 21621 और कल 25 मार्च को महाराष्ट्र में 35952 लेकिन शेष भारत में 23166 केस आए।
पाटिल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना के चलते कड़े प्रतिबंध लगाना, इलाज के लिए सही सुविधाएं उपलब्ध कराना हो अथवा कोरोना चैन को खत्म करने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना हो, उद्धव सरकार की किसी भी तरह से कोरोना के फैलाव को रोकने में रूचि नहीं थी, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे जो एनसीपी कोटे से मंत्री हैं या स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री अमित देशमुख जो कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं, उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही महाविकास आघाड़ी सरकार के गिरने का कारण बन सकती है। भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा है कि इतनी बड़ी नाकामियों के बाद भी यदि मुख्यमंत्री ठाकरे के मन में जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का थोड़ा सा भी अहसास बचा होता तो इन दोनों मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त करके ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां किसी और को दी जा सकतीं थी।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि जब महाराष्ट्र के लोग कोरोना के डर की वजह से एक तरह के सदमे में हैं, उद्धव जी को अंदर ही अंदर सरकार के बिखरने का डर है। पाटिल ने कहा कि यदि राज्य सरकार एक सप्ताह के अंदर बढ़ते मरीज़ों की संख्या को रोकने में कामयाब नहीं हुई तो भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर केंद्र सरकार से जरूरी कदम उठाने का निवेदन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यही हालात रहे तो भारत सरकार और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र को अलग-थलग करने के लिए कड़े कदम उठा सकते हैं।
इससे राज्य के व्यापार-उद्योगों पर बुरा असर पड़ सकता है, जबकि राज्य की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट का सामना कर रही है। महाराष्ट्र की जनता के इस प्रकार से अलग-थलग पड़ने का पूरा दोष सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सर आएगा।