मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खत से उठा विवाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। जहां एक ओर महाविकास अाघाड़ी के सहयोगियों में इससे दरार नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इस मामले में कई सबूत होने का दावा किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात कर सबूत सौंपने की बात कही है। फड़नवीस का दावा है कि उनके पास पुलिस अधिकारियों की बातचीत के कॉल रेकॉर्ड का डेटा है। बताते चलें कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
परमबीर सिंह की चिट्ठी पर चल रहे सियासी घमासान के बीच दिल्ली में देवेंद्र फड़नवीस ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की। फड़नवीस ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इस दौरान फड़नवीस ने कुछ सबूत सौंपे हैं। अजय भल्ला से मुलाकात के बाद फड़नवीस ने कहा कि उनके पास इस मामले को लेकर जो भी जानकारी थी, वह गृह सचिव को सौंप दी है।
'सरकार किसको बचाना चाहती थी'
फड़नवीस ने कहा, 'मेरे पास पुलिस अधिकारियों के तबादले पर कॉल रेकॉर्ड का डेटा है। इस रिपोर्ट को 25 अगस्त 2020 से अब तक दबाकर क्यों रखा गया। पुलिस अधिकारियों के बीच गंभीर बातचीत थी। ऐसे गंभीर मामले में शामिल लोगों पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की। तत्कालीन डीजीपी ने सीआईडी से जांच की मांग की थी तो उसे क्यों रोका गया। सीएम ने भी फाइल देखी है। सरकार आखिर किसको बचाना चाहती थी।'
कॉल रेकॉर्ड का 6.3 जीबी डेटा फड़नवीस ने सौंपा
बताया जा रहा है कि सबूत के रूप में फड़नवीस ने पुलिस अधिकारियों के बीच फोन पर बातचीत का 6.3 जीबी डेटा सौंपा है। इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस के आईपीएस और दूसरे पुलिस अधिकारियों के कथित ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट से जुड़े कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं।
उधर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका के जरिए परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
सिंह ने अपनी याचिका में मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके ट्रांसफर को मनमाना और गैरकानूनी होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। सिंह ने अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।
इस बीच एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सचिन वझे ने टारगेट की बात कबूल कर ली है। उसने बताया है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के अलावा एक अन्य हाई प्रोफाइल नेता से भी उसकी बात होती थी। वझे के इस कबूलनामें की भनक लगने से सरकार में खलबली मचने की बात कही जा रही है।
सरकार नहीं गिरेगीः राऊत
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि हमें कोई तकलीफ नहीं है। लोकतंत्र में हर कोई मुख्यमंत्री दोबारा बनने का ख्वाब देख सकता है। किसी को प्रधानमंत्री बनना है, तो किसी को गृहमंत्री बनना है। किसी को राष्ट्रपति बनना है। लेकिन आज महाराष्ट्र में हमारी सरकार है। हमारे पास बहुमत हैं और बहुमत वाली सरकार को दिल्ली में गिराने की कोशिश नहीं कर सकते। चाहे गृहमंत्री के पास जाइए या प्रधानमंत्री के पास. जब तक आपके पास बहुमत नहीं है, तब तक आप हमारी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते।