NIA को सचिन वझे के CIU दफ्तर की तलाशी के दौरान 200 पेज की एक डायरी मिली है। इस डायरी में उनके वसूली रैकेट को लेकर बेहद अहम जानकारियां दर्ज हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इस डायरी में हफ्ता वसूली से लेकर, किसको कितने पैसे कब जाते थे, इसकी भी जानकारी लिखी है। NIA सूत्रों के मुताबिक इस डायरी में सारा हिसाब कोड लैंग्वेज में लिखा हुआ है। NIA को शक है कि कोडवर्ड में जो नाम और रकम लिखी हुई है वो रेस्तरां, पब और कुछ कारोबारियों से वसूले गए थे। इस डायरी में जो डिटेल्स लिखी हुई हैं वो जनवरी से अभी तक की है। इस तरह के वसूली रैकेट का जिक्र मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी अपने लेटर में किया है। इस डायरी में होटल, पब और कारोबारियों के नाम के आगे रेटकार्ड भी लिखा गया है।
गुंडों के जरिए वसूली करा रहे थे सचिन वझे
इस डायरी में कुछ लॉटरी वालों और सट्टे-मटका वालों के नाम भी लिखे गए हैं, जिनके आगे पैसों का जिक्र भी है। जांच में खुलासा हुआ है कि वझे खुद वसूली नहीं करता था उसके नाम पर इसके कुछ करीबी क्रिमिनल उगाही कर रकम आगे इसे पहुंचाते थे। NIA अधिकारियों का कहना है कि अभी मुख्य फोकस जेलेटिन की छड़े कहां से उपलब्ध हुई, इसकी तफ़्तीश की जा रही है। कुछ जानकारियां मिली हैं, लेकिन जांच के चलते अभी ज्यादा नहीं बता सकते।
इसके अलावा मुंबई, ठाणे के सभी पब, बार, बुकी और होटल्स की जानकारी भी लिखी हुई है। NIA को उम्मीद है कि इस डायरी से और भी कई मामले सामने आ सकते हैं। सचिन वझे ने डायरी में किसको कितना पैसा जाना है इसका भी हिसाब लिखा हुआ है। लाख के लिए L और हजार के लिए K शब्द का प्रयोग किया गया है।