मनपा के वृक्ष प्राधिकरण समिति में विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कामों में अड़चन बन रहे 1562 पेड़ों को काटने एवं दूसरी जगह पर स्थनांतरित करने का प्रस्ताव लाया गया है। पेड़ों को काटने के लिए लाए गए अधिकांश प्रस्ताव बिल्डरों के विकास कार्यों से जुड़े हैं। उल्लेखनीय है कि मुंबई में पर्यावरण को लेकर पहले ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पर्यावरण के साथ हो रहे खिलवाड़ से बारिश और गर्मी पर असर पड़ा है। मनपा की सत्ताधारी शिवसेना मेट्रो कारशेड को लेकर विरोध कर रही थी, लेकिन अब मुंबई में इतने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाने को लेकर मनपा की सत्तधारी शिवसेना भी कुछ नहीं आवाज उठा रही है। पेड़ों को काटने की दी जा रही मंजूरी को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। भाजपा नगरसेवक अभिजीत साटम ने आरोप लगाया कि बिल्डरों को बिल्डिंग बनाने में अड़चन बनने वाले पेड़ों को काटने की धड़ल्ले से मंजूरी दी जाती है, लेकिन जिन पेड़ों को दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति दी जाती है, वह कहां पेड़ लगाए गए इसका कभी कोई लेखा जोखा नहीं दिया जाता। मनपा प्रशासन सिर्फ पेड़ों को काटने की अनुमति देती है, उन्हें पर्यावरण की कोई चिंता नहीं है।
कांग्रेस नगरसेवक जगदीश अमीन कुट्टी ने कहा कि मनपा में विकास कार्यों को छोड़ बिल्डरों के कामों को तरजीह दी जाती है। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने को लेकर कुट्टी ने कहा कि बिल्डरों पर कोई अंकुश नहीं है, उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। मनपा प्रशासन भी सिर्फ पेड़ों को काटने की अनुमित देने का काम करती है। वृक्ष प्राधिकरण की बैठक में कुल 1562 पेड़ों को काटने एवं दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति दी गई, जिनमें 731 पेड़ों को काटा जाना है, जबकि 831 पेड़ों को दूसरे स्थान पर लगाया जाना है।
वृक्ष प्राधिकरण के सदस्यों का आरोप है कि जो पेड़ दूसरे स्थान पर लगाए जाने की अनुमति ली जाती है, वह जीवित रहते हैं। उसे कोई देखने वाला नहीं होता मंगलवार को पेड़ों को काटने की दी गई मंजूरी में मेट्रो 2 बी और मेट्रो 7 के लिए काटा जाना है, जिनमे 71 पेड़ों को काटना और 72 पेड़ों को दूसरी जगह पर लगाया जाना है। इसी तरह जेजे अस्पताल में नई ईमारत बनाने के लिए 84 पेड़ों को काटना और 33 को दूसरी जगह पर लगाया जाना है। देवनार में विकास कार्य में बाधा बने 111 पेड़ों को काटने और 111 पेड़ों को दूसरी जगह पर लगाने की अनुमति दी गई।