मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद विपक्षी दल भाजपा ने उनकी इस्तीफे की मांग तेज कर दी है। गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार को मुंबई, पुणे सहित राज्य के 200 से अधिक स्थानों पर भाजपा ने आंदोलन किया।
आघाड़ी सरकार का केवल तमाशा शुरू
पुणे शहर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और पुणे शहर अध्यक्ष जगदीश मुलीक के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। इस दौरान पाटिल ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार का केवल तमाशा शुरु है। इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने तत्काल गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह के पत्र के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य की ठाकरे सरकार बेहद भ्रष्ट सरकार है। मनसुख हिरेन का जहां शव मिला था, उसी जगह शनिवार को एक और शव मिला है, ऐसे में यह मामला बहुत गहरा हो गया है। पाटिल ने कहा कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने एंटीलिया का मुद्दा सदन में नहीं उठाया होता तो यह मामला कब का दब गया होता। फड़नवीस ने आक्रामक रूप से इस मुद्दे को उठाया और इसके बाद वझे के खिलाफ कार्रवाई हुई।
बहुत सारी बातें बाहर आना बाकी
उन्होंने आगे कहा कि सचिन वझे पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद फिरौती वसूलने के लिए एक एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। अनिल देशमुख को जवाब देना चाहिए कि किस आधार पर वह सदन में सचिन वझे का बचाव कर रहे थे, क्योंकि वे वझे का सस्पेंशन नहीं चाहते थे। हाल ही में परमबीर सिंह ने भी इस बारे में कबूला है, इसलिए अभी भी बहुत सी बातें बाहर आना बाकी हैं। एनआईए अभी मामले की जांच कर रही है, ऐसे में अगर वझे ने बात करना शुरू किया, तो बहुत सारी चीजें सामने आएंगी।
इधर विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि अनिल देशमुख ने वझे को वसूली का काम दिया था? महा विकास आघाड़ी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने तत्काल गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की।