गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि आतंकवाद के डर से 1990 से अब तक 44,167 परिवारों ने कश्मीर घाटी से पलायन किया है। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से 1990 में स्थापित रिलीफ ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक, पलायन करने वाले कुल परिवारों में से 39,782 हिंदू परिवार हैं।
गृहमंत्रालय ने एक लिखित जवाब में यह भी बताया है कि पिछले तीन सालों में आतंकी घटनाओं और घुसपैठ की कोशिश में काफी कमी आई है। हालांकि, सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई। 2018 में जम्मू-कश्मीर में 614 आतंकी घटनाएं हुईं तो 2019 में 594 और 220 में 244 आतंकी वारदातें हुईं। वहीं इस साल 28 फरवरी तक 15 घटनाएं हुई हैं।
2018 में 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए तो 2018 में 80 और 2020 में 62 सुरक्षाकर्मियों ने शहादत दी। 2018 में घुसपैठ की 328 कोशिशें हुईं तो 2020 में यह संख्या घटकर 99 रह गई। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से होने वाले सीजफायर उल्लंघन में काफी तेजी दर्ज की गई है। 2018 में जहां 2140 बार गोलीबारी हुई तो 2020 में 5133 बार सीमा पार से अकारण गोलीबारी की गई। गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए 31 दिसंबर 2020 तक 35,44,938 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 32,31,353 को यह जारी किया जा चुका है। 2,15,438 आवेदन खारिज हुए हैं। 31,08,682 सर्टिफिकेट स्थायी निवासियों के उत्तराधिकारियों को सौंपे गए हैं।