प्रयागराज में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की आपत्ति के बाद उनके घर की तरफ से मस्जिद के लाउडस्पीकर हटा दिये गए हैं। कुलपति ने डीएम को पत्र लिखकर मस्जिद के लाउडस्पीकर से सुबह के समय होने वाली अजान की आवाज से नींद में खलल की बात कहते हुए कार्रवाई के लिए कहा था। वीसी की शिकायत के बाद मस्जिद कमेटी ने लाउडस्पीकर का मुंह घुमाने के साथ ही उसकी आवाज भी कम कर दी है।
क्लाइव रोड स्थित लाल मस्जिद के मुतवल्ली कालीमुर्रहमान ने कहा कि हम लोग एक ही समाज में रहते हैं। कुलपति जी ने अगर हमसे पहले ही बता दिया होता तो हम आवाज़ कम कर देते। उनको परेशानी न हो इस बात का ख्याल रखा जाएगा। अभी उनके घर की तरफ लगे स्पीकरों की दिशा बदल दी गई है। पचास फीसदी आवाज भी कम कर दी गयी है। अगर किसी को दिक्कत होती है तो उसे और कम कर देंगे। मस्जिद कमिटी ने बताया कि पहले मीनार पर चार लाउडस्पीकर लगे थे। जिला प्रशासन से अनुमति न होने के कारण दो स्पीकर पहले ही हटा लिए गए थे। अभी दो ही स्पीकर लगे थे। वीसी की आपत्ति के बाद दोनों लाउडस्पीकर की आवाज 50 फीसदी घटा दी गई है। अब अजान की आवाज वीसी के घर तक नहीं जाएगी।
मुस्लिम समाज का विरोध
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने VC की शिकायत पर कड़ा ऐतराज जताया है।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि इलाहाबाद के VC को मालूम होना चाहिए कि पूरा देश गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मशहूर है। पूरी दुनिया में इसके लिए जाना जाता है। इस देश के सभी लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं। यही वजह है कि मस्जिदों से अजान और मंदिरों से कीर्तन-भजन की आवाज फिजां में गूंजती है। कभी किसी को इससे कोई परेशानी नहीं हुई तो इस तरह की बातें करना बेमतलब है।
सुन्नी धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मस्जिदों में अजान होती है तो मंदिरों में आरती भी होती है। जिस शहर से कुलपति आती हैं, वहां बड़ा कुंभ होता है। पूरे महीने लाउडस्पीकर की आवाजें उठती हैं। सड़कें भी बंद होती हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी। कांवड़ यात्रा निकलती है। होली का मौका होता है तो सड़कें भी बंद होती हैं।
लाउडस्पीकर भी बजते हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान को कई आपत्ति नहीं। मुझे लगता है कि यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है।