कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के 'सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी' वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल ने भारतीय लोकतंत्र की तुलना गद्दाफी और सद्दाम हुसैन से करके 80 करोड़ वोटरों का अपमान किया है। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकतंत्र को लेकर केंद्र सरकार को घेरा था और उन्होंने यह भी कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीतते थे।
इस पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलटवार किया और कहा, 'राहुल गांधी के विचार पर टिप्पणी देना बेकार है। गद्दाफी और सद्दाम हुसैन के साथ भारत के लोकतंत्र की तुलना करना 80 करोड़ मतदाताओं का अपमान है।
केवल आपातकाल के दौरान हमने गद्दाफी और सद्दाम की तरह का एक समय देखा। दरअसल, अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ ऑनलाइन बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, 'सद्दाम हुसैन और गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे और जीतते थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोटिंग नहीं करते थे, लेकिन उस वोट की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं होता था।' उन्होंने कहा कि चुनाव सिर्फ यह नहीं है कि लोग जाएं और वोटिंग मशीन पर बटन दबा दें। चुनाव एक अवधारणा है। चुनाव संस्था है, जो सुनिश्चित करते हैं कि देश में ढांचा ठीक से चल रहा है।
चुनाव वह है कि न्यायपालिका निष्पक्ष हो और संसद में बहस हो। इसलिए वोटों के लिए ये चीजें जरूरी हैं। कांग्रेस नेता ने दो विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थिति की आलोचना किए जाने के संदर्भ में कहा कि देश को इन संस्थाओं से मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं।