नए कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन जारी है। सरकार और किसानों के बीच कई स्तर की वार्ता के बावजूद कोई हल नहीं निकल सका है। किसानों के नेता राकेश टिकैत अब कई राज्यों में रैली कर सरकार पर दबाव बनाने को अन्नदाताओं के लिए समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार किसानों की मांग मानेगी या अभी और जारी रहेगा अन्नदाताओं का संघर्ष? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए आप अमर उजाला के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर किसान नेता राकेश टिकैत को सुन सकते हैं। साथ ही कमेंट के जरिए उनसे अपने सवाल भी पूछ सकते हैं।
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को ब्लॉक करने की तैयारी पर तारीख अभी तय नहीं
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच कई स्तर की वार्ता के बावजूद कोई हल नहीं निकल सका है। किसानों के नेता राकेश टिकैत अब कई राज्यों में रैली कर सरकार पर दबाव बनाने को अन्नदाताओं के लिए समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं।
हीं दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसान होली की तैयारियों में जुटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि बीते डेढ़ महीने से बॉर्डर पर ही उन्होंने अपने सभी त्यौहार मनाए हैं। इसी प्रकार होली भी यहीं मनाई जाएगी। इसके तहत सभी तैयारी की जा रही है।
भारतीय किसान यूनियन (युवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत ने बताया कि इस बार देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक होली गाजीपुर बॉर्डर पर मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 17 मार्च को बॉर्डर पर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। यह पंचायत प्रति माह मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में आयोजित होती है, जो कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के द्वारा बुलाई जाती थी। वह पंचायत इस बार यहां गाजीपुर बॉर्डर पर होने जा रही है। इसी पंचायत में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
बॉर्डर पर बढ़ रही संख्या
बीते कुछ दिनों से बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ रही है। हर गांव से किसानों के धरना स्थल पर आने का आह्वान किया जा रहा है। 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाने के लिए युवाओं को बुलाया जा रहा है।